धार
मध्य प्रदेश से बड़ी खबर है. प्रदेश के धार जिले में स्थित भोजशाला में आज 22 मार्च एएसआई का सर्वे शुरू होगा. यह सर्वे इंदौर हाईकोर्ट के आदेश के बाद शुरू हो रहा है. 11 मार्च को इंदौर हाईकोर्ट ने कहा था कि ज्ञानवापी के बाद अब मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित भोजशाला का एएसआई (ASI-Archaeological Survey of India) सर्वे होगा. इस मामले में सामाजिक संगठन ‘हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस’ के याचिका दाखिल की थी. हाई कोर्ट ने इसके लिए एएसआई को 5 सदस्यीय कमिटी गठन करने के आदेश दिए थे.
हाईकोर्ट ने दिया था फैसला
कुछ ही दिन पहले हाईकोर्ट ने भोजशाला में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) को सर्वे के आदेश दिए थे। हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस की ओर से एक याचिका दायर की गई थी। याचिका में मुसलमानों को भोजशाला में नमाज पढ़ने से रोके जाने और हिंदुओं को नियमित पूजा का अधिकार देने की मांग की गई थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने एएसआई को वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का आदेश दिया। इससे पहले, सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने फरवरी में फैसला सुरक्षित रख लिया था।
संगठनों ने की थी आतिशबाजी, खिलाई थी मिठाई
गौरतलब है, मंगलवार और शुक्रवार के अलावा बाकी अन्य दिनों में सूर्योदय से सूर्यास्त तक पर्यटकों के लिए भोजशाला सशुल्क खुली रहती है. 11 मार्च को इंदौर हाईकोर्ट के आदेश के बाद हिंदू संगठनों में खुशी की लहर छा गई थी. कई संगठन के कार्यकर्ताओं ने भोजशाला के सामने आतिशबाजी की थी. लोगों ने भोजशाला के अंदर राजाभोज के जयकारे लगाए थे. और एक-दूसरे को मिठाई खिलाई थी. भोपाल में भी संस्कृति बचाओ मंच ने धार की भोज शाला पर कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया था. संस्कृति बचाओ मंच ने कोर्ट के निर्णय पर कहा था कि मुस्लिम धर्मगुरुओं से मांग है कि वे अपना मन बड़ा करके मुगलों द्वारा तोड़े गए हमारे सभी धर्मस्थल हमें सौंप दें. इससे हमारे धर्म स्थल हमें प्राप्त हो जाएंगे और सांप्रदायिक सौहार्द्र भी बना रहेगा.
ASI ने अब सर्वे से पहले धार प्रशासन, एसपी से पर्याप्त सुरक्षा बल उपलब्ध कराने को कहा है ताकि सर्वे का काम ना रुके.
29 अप्रैल से पहले सौंपनी होगी रिपोर्ट
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने आदेश में कहा था कि परिसर में कार्बन डेटिंग विधि से एक विस्तृत वैज्ञानिक जांच की जानी चाहिए, जिससे जमीन के ऊपर और नीचे दोनों तरह की संरचना कितनी पुरानी है और उनकी उम्र का पता लगाया जा सके.
अदालत की ओर से यह भी कहा गया कि सर्वेक्षण ये कार्यवाही दोनों पक्षों को दो प्रतिनिधियों की उपस्थिति में की जाए और उसकी वीडियोग्राफी होनी चाहिए. अब इस मामले की अगली सुनवाई 29 अप्रैल को होनी है. साथ ही कोर्ट ने ASI को 29 अप्रैल से पहले अपनी रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है.
राजा भोज ने बनवाई थी भोजशाला: हिंदू पक्ष
हिंदू संगठनों के मुताबिक, धार स्थित कमाल मौलाना मस्जिद दरअसल मां सरस्वती मंदिर भोजशाला है. सन 1034 में राजा भोज ने संस्कृत की पढ़ाई के लिए भोजशाला को बनवाया था, लेकिन बाद में मुगल आक्रांताओं ने उसे तोड़ दिया था. इसी परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण के लिए हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस द्वारा हाईकोर्ट में आवेदन दिया था. जिस पर पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने एएसआई को वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था.