नई दिल्ली। दिल्ली में कार्यरत समाज सेवी संगठन सन्त शिव सेवा फाउंडेशन ने विदेशों में बसे अप्रवासी हिन्दुओं के स्वर्गवास के बाद उनकी अस्थियो को हिन्दू रीति रिवाज़ों से गँगा नदी में हरिद्वार में विसर्जन और उनकी आत्मा की शान्ति और मुक्ति के लिए धार्मिक अनुष्ठान निशुल्क शुरू करने का फैसला किया हैं।
संगठन के संस्थापक चरणजीव मल्होत्रा ने बताया इस समय विदेशों में बसे हिन्दुओं की मृत्यु के बाद उनके परिजन ज्यादतर अपने प्रियजनों की अस्थिओं को समुद्र में बहा देते हैं, जबकि हिन्दू रीती रिवाज़ के अनुसार इन अस्थिओं को पावन नदियों में विसर्जन करना चाहिए तथा इससे जुड़े धार्मिक अनुष्ठान किये जाने चाहिए। उनका कहना है की वो विदेशो में बसे हिन्दू संगठनों से सम्पर्क में है तथा उन्हें आशा है की इस कार्य को पूरे विश्व मे सै यह सेवा मिलेगी।
उन्होंने बताया की उन्होंने इस सिलसिले में अमेरिका, कनाडा, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया सहित अन्य देशों में हिन्दू संस्थाओं से बातचीत की है। और उन्हें कहा है की वे इस सिलसिले में वहां रहने वाले हिन्दु परिवारो को जानकारी दें।
चरणजीव मल्होत्रा ने बताया की अप्रवासी हिन्दु अपने दिवंगत परिजनों की अस्थिओं को कूरियर से उनके भेज सकते हैं तथा उसके बाद वो पूरे धार्मिक रीति रिवाज़ से उनकी अस्थिओं को प्रवाहित करेगे तथा अन्य सभी धार्मिक अनुष्ठान भी अपने खर्चे पर करेगे।
एम्बुलेंस मैन के तौर पर ख्याति प्राप्त श्री मल्होत्रा ने कोरोना काल में कोरोना से पीड़ित परिवारों को मुफ्त दवाइयाँ, राशन, ऑक्सीजन सिलैंडर पहुंचाने और कोरोना से जान गंवा देने बाले लोगों के अंतिम संस्कार करने के लिए छह एम्बुलेंस खरीदी तथा उन सैकड़ों लोगों का अपने खर्चे पर अंतिम संस्कार करवाया जिनको उनके घर परिवार के लोग छोड़ चुके थे।
कोरोना के दौरान किसी.किसी के घर में तो पूरा परिवार ही संक्रमित था। ऐसे में उन्होंने इन परिवारों की मदद के लिए निशुल्क दवाइयां पहुंचाई और ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराया। इसके साथ ही उन्होंने कोरोना के दौरान सात हजार से अधिक परिवारों को निशुल्क राशन वितरण किया और लंगर सेवा भी शुरू की। वे अब तक चालीस हज़ार लोगो की अस्थियां गँगा नदी में विसर्जित कर चुके हैं और उनका संस्कार हिन्दू धार्मिक रीति रिवाज़ से कर चुके हैं।
चरण जीव मल्होत्रा को कोरोना काल में ल्लेखनीय सेवा के लिए राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत ने 21 नवंबर को विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में प्रतिष्ठित संत ईश्वर सामान से सम्मानित किया था।