ग्वालियर/ भोपाल
कांग्रेस व विपक्षी दलों के बने इंडिया गठबंधन की सदस्य आम आदमी पार्टी ने मप्र में लोकसभा चुनाव से खुद को बाहर कर दिया है। प्रदेश में पार्टी कोई प्रत्याशी नहीं उतारेगी। विधानसभा चुनाव में पार्टी ने कई सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। इसे देखते हुए लोकसभा चुनाव में भी प्रत्याशियों को उतारने की संभावना थी। इस वजह से पार्टी नेताओं के अलावा ऐसे नेता भी आप के टिकट पर दावेदारी करने की कोशिश कर रहे थे, जिन्हें भाजपा व कांग्रेस से झटका मिला है। आप की प्रदेश अध्यक्ष रानी अग्रवाल ने कहा, इंडिया गठबंधन के कारण पार्टी मप्र में लोकसभा प्रत्याशी नहीं उतारेगी। बाकी संगठन के जो निर्देश मिलेंगे, उसे सपोर्ट किया जाएगा।
कांग्रेस और विपक्षी दलों के बने इंडिया गठनबंधन की सदस्य आम आदमी पार्टी ने मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव से खुद को दूर कर लिया है. आम आदमी पार्टी ने निर्णय लिया है कि वे मध्य प्रदेश में किसी भी सीट पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी. आम आदमी पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष रानी अग्रवाल के अनुसार इंडिया गठनबंधन के कारण पार्टी मध्य प्रदेश में लोकसभा प्रत्याशी नहीं उतारेगी. बाकी संगठन से जो निर्देश मिलेंगे, उसे सपोर्ट किया जाएगा.
बनती नजर आ रही थी तीसरा विकल्प
बता दें मध्य प्रदेश में हुए निकाय चुनाव में आम आदमी पार्टी को अच्छी खासी सफलता मिली थी. कई जिलों में आम आदमी पार्टी के पार्षद चुनाव जीत गए थे, जबकि सिंगरौली में तो महापौर आम आदमी पार्टी की रानी अग्रवाल बनी थी. निकाय चुनाव में मिली सफलता के बाद से ही आम आदमी पार्टी को प्रदेश में तीसरे विकल्प के रूप में देखा जाने लगा था.
वहीं हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी प्रदेश की कई विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार नहीं उतार सकी थी. इसमें तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान का गृह सीहोर भी शामिल था, जहां आम आदमी पार्टी एक भी प्रत्याशी नहीं उतार सकी थी.
कई दावेदारों को थी आस
लोकसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस से अनदेखी हुए कई जनप्रतिनिधियों को आस थी कि वे लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की ओर से अपनी दावेदारी जता देंगे, जिसके लिए वे कोशिश भी करने जुटे थे, लेकिन अब आप के उम्मीदवार नहीं उतारने के ऐलान ने ऐसे जनप्रतिनिधियों की कोशिशों पर पानी फेर दिया है.