लुंबिनी। बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार सुबह करीब साढ़े दस बजे लुंबिनी, नेपाल पहुंचे। नेपाल के प्रधान मंत्री शेर बहादुर देऊबा ने हेलीपैड पर उनका स्वागत किया। इसके बाद दोनों प्रधानमंत्री माया देवी मंदिर के लिए रवाना हो गए। यहां पीएम मोदी और देऊबा ने पूजा-अर्चना की।
इसके अलावा बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर वे अशोक स्तंभ के सामने घी का दीपक जलाएंगे और बोधिवृक्ष को जल चढ़ाएंगे। उन्होंने 2014 में यह पेड़ नेपाल को उपहार में दिया था। प्रधानमंत्री मोदी 2566वें बुद्ध जयंती समारोह में भी शामिल होंगे और बौद्ध विद्वानों और भिक्षुओं सहित नेपाल और भारत के लोगों को संबोधित करेंगे। पीएम की इस यात्रा का मकसद नेपाल और भारत के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक परंपरा के साथ सदियों पुराने धार्मिक संबंधों को बढ़ावा देना है।
बौद्ध संस्कृति और विरासत का रखेंगे शिलान्यास
प्रधानमंत्री नेपाल में भारत की पहल पर बन रहे इंडिया इंटरनेशनल सेंटर फॉर बौद्ध कल्चर एंड हेरिटेज की आधारशिला रखेंगे। इस स्थान पर बौद्ध परंपरा का अध्ययन होगा।
सांस्कृतिक-शैक्षणिक क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा संभव
दोपहर में भारत और नेपाल के प्रधानमंत्रियों के बीच द्विपक्षीय बैठक होनी है। इस बैठक में दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और शैक्षणिक क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हो सकती है। प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में एक भोज भी रखा गया है, जिसमें नेपाली पीएम अपनी कैबिनेट के साथ मौजूद रहेंगे।
प्रधानमंत्री ने बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनाएं दीं
बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को बधाई दी है। उन्होंने कहा- भगवान बुद्ध के विचार दुनिया को और अधिक शांतिपूर्ण और सामंजस्यपूर्ण बना सकते हैं। बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर, हम भगवान बुद्ध के सिद्धांतों को याद करते हैं और उन्हें पूरा करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं।
2014 के बाद से पीएम मोदी की यह पांचवीं नेपाल यात्रा है
2014 के बाद से पीएम मोदी की यह पांचवीं नेपाल यात्रा है। वहीं, 2019 का लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यह उनका पहला नेपाल दौरा है। अपनी आखिरी यात्रा में पीएम मोदी ने काठमांडू में पशुपतिनाथ मंदिर, जनकपुर धाम में जानकी माता मंदिर और मस्टैंग में मुक्तिनाथ मंदिर के दर्शन किए थे।
नेपाल के प्रधानमंत्री देऊबा हाल ही में भारत पहुंचे थे
नेपाल के प्रधान मंत्री शेर बहादुर देऊबा ने हाल ही में अपनी भारत यात्रा के दौरान नई दिल्ली और वाराणसी का दौरा किया। जहां उन्होंने काशी विश्वनाथ और काल भैरव मंदिरों में पूजा-अर्चना की। इसके बाद वाराणसी में विधवाओं के लिए आश्रय गृह की भी आधारशिला रखी गई।