बिलासपुर। महुआ शराब बेचने के आरोप में चार दिन पहले बिलासपुर में आबकारी विभाग ने गिरफ्तार कर जेल भेजे गए युवक की शुक्रवार देर रात संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। युवक के परिजनों का आरोप है कि बिना शराब जब्त किए आबकारी विभाग की टीम उसे घर से ले गई। बाद में उसके पास से महुआ शराब जब्त करने की झूठी कार्रवाई करते हुए उसे जेल भेज दिया गया। उन्होंने आबकारी विभाग की टीम पर मारपीट करने का भी आरोप लगाया है। नाराज परिजनों ने थाने में शिकायत कर शव लेने से इंकार कर दिया है। वे दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग कर रहे हैं। मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है।
पुलिस को सिम्स अस्पताल से शनिवार सुबह सूचना मिली कि सेंट्रल जेल में बंद पचपेड़ी थाना क्षेत्र के ग्राम चिल्हाटी निवासी छोटेलाल यादव पिता चानू यादव (33 वर्ष) की मौत हो गयी है। पुलिस ने सेंट्रल जेल से जानकारी ली तो पता चला कि 10 मई को आबकारी विभाग की टीम आरोपी छोटेलाल को जेल लेकर आई थी। इस बीच उसकी तबीयत बिगड़ गई। शनिवार की रात उसकी हालत गंभीर होने पर उसे इलाज के लिए सिम्स भेजा गया, जहां उसकी मौत हो गई।
मौत की खबर सुनकर परिजन सदमे में हैं
सिविल लाइन पुलिस ने उसकी मौत की खबर छोटेलाल के परिजनों को पचपेड़ी थाने के माध्यम से भिजवाई। चार दिन पहले तक छोटालाल घर में था और उसकी अचानक मौत की खबर सुनकर परिजन सदमे में हैं। उन्होंने जानकारी की तो बताया कि तबीयत बिगड़ने से जेल में ही उनकी मौत हो गई।
आबकारी पुलिस घर से खाली हाथ गई थी, तो उन्हें शराब कहां से मिली?
छोटे भाई की मौत पर सवाल उठाते हुए बड़े भाई दिलहरन यादव ने आबकारी अधिकारी आनंद वर्मा व 15 लोगों के खिलाफ पचपेड़ी थाने में शिकायत की है। उनका आरोप है कि 10 मई को सुबह आठ बजे आबकारी अधिकारी आनंद वर्मा 15 लोगों को लेकर आए थे। इस दौरान उन्होंने घर की तलाशी ली। जब उन्हें कुछ नहीं मिला तो वे छोटेलाल को जबरन ले गए और ले जाकर शराब बेचने का आरोप लगाने लगे। बाद में उसे 20 लीटर महुआ शराब के साथ पकड़ने की सूचना मिली। दिलहरन ने सवाल किया है कि जब महुआ शराब घर में नहीं मिली तो छोटेलाल के कब्जे से बनी शराब की बरामदगी कैसे हुई। उसने आरोप लगाया है कि उसके भाई के साथ मारपीट की गई है, जिससे उसके भाई की मौत हो गई। उन्होंने आबकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
कलेक्टर व एसपी से करेंगे शिकायत
इधर, छोटेलाल की मौत की खबर सुनकर परिजन आक्रोशित हैं। उन्होंने उनका शव लेने से इनकार कर दिया है। इस वजह से शव का पोस्टमॉर्टम नहीं हो सका और उसे सिम्स की मोर्चरी में रखवा दिया गया है। परिवार और ग्रामीणों ने छोटेलाल की मौत की जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है। रविवार को परिजन ग्रामीणों के साथ बिलासपुर पहुंचे और कलेक्टर व एसपी कार्यालय पहुंचकर शिकायत करने निकले। इधर, सिविल लाइन थाना प्रभारी धर्मेंद्र वैष्णव ने बताया कि 24 घंटे बाद भी परिजन शव का पोस्टमार्टम कराने नहीं आए हैं।