नई दिल्ली:
सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई) बेटियों के लिए टैक्स-फ्री स्मॉल सेविंग स्कीम है। सरकार ने 2024 की जनवरी-मार्च तिमाही के लिए इसकी ब्याज दरों को 8.2% बनाए रखा है। स्मॉल सेविंग स्कीम में यह रेट सबसे ज्यादा है। इसमें निवेश की जाने वाली 1.5 लाख रुपये तक की रकम 80सी के तहत टैक्स छूट के दायरे में आती है। इससे मिलने वाला ब्याज भी टैक्स-फ्री है। ऊंची ब्याज दरें और टैक्स बेनिफिट्स सुकन्या समृद्धि को बेटियों के कई माता-पिता के लिए अच्छी डील बनाते हैं। SSY खातों पर रिटर्न ब्याज दर और निवेश की रकम पर निर्भर करता है। आइए, यहां जानते हैं कि कैसे यह स्कीम बेटी की पढ़ाई और शादी के लक्ष्यों को आसानी से पूरा कर सकती है।
सुकन्या समृद्धि योजना की खासियत क्या?
सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश के लिए भारतीय नागरिक होने के साथ बेटी का माता-पिता या कानूनी अभिभावक होना जरूरी है। स्कीम में निवेश के लिए बेटी की उम्र दस साल या उससे कम होनी चाहिए। इस तरह बेटी के जन्म के साथ ही और 10 साल की आयु तक SSY खाता खोला जा सकता है। कुछ अपवादों को छोड़कर दो बेटियों के लिए अधिकतम दो बार सुकन्या समृद्धि खाते खोले जा सकते हैं। डाकघर या किसी नामित बैंक शाखा में सुकन्या समृद्धि खाता खोला जा सकता है। कम से कम 250 रुपये से आप इसे शुरू कर सकते हैं। इस तरह बाद के सालों में किसी वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 250 रुपये जमा करने होंगे। एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम जमा राशि 1.5 लाख रुपये तक हो सकती है। एकमुश्त या कई किश्तों में निवेश का विकल्प भी है।
सुकन्या समृद्धि पर ब्याज कितना?
2024 की जनवरी-मार्च तिमाही के लिए सुकन्या समृद्धि खाते पर 8.2% ब्याज मिलेगा। ब्याज दर हर तिमाही में बदली जाती है। नई दर SSY ग्राहकों पर लागू होगी।
टेन्योर, मैच्योरिटी, प्रीमैच्योर विदड्रॉल के नियम क्या?
सुकन्या समृद्धि स्कीम का मैच्योरिटी वाला हिस्सा थोड़ा ट्रिकी है। खाता खुलने की तारीख से 15 साल तक पैसा जमा करना होगा। इसके खुलने की तारीख से 21 साल बाद यह मैच्योर होगा। 18 साल की होने पर बेटी (जिसके नाम पर खाता है) की शादी के समय खाता बंद करने का विकल्प है। यह स्कीम धनराशि का 50% तक निकासी की अनुमति देती है। लेकिन, ऐसा सिर्फ बेटी की शिक्षा के खर्च के लिए किया जा सकता है। कुछ शर्तों पर खाता खोलने के पांच साल बाद समय से पहले इसे बंद करने की अनुमति दी जाती है। इनमें अकाउंटहोल्डर की मौत, उसे जानलेवा बीमारी होना या खाता संचालित करने वाले अभिभावक की मौत हो जाना शामिल है।
ब्याज कैसे जमा किया जाता है?
सुकन्या समृद्धि खाते पर ब्याज का कैलकुलेशन कैलेंडर माह के लिए पांचवें दिन और महीने के अंत के बीच खाते में सबसे कम बैलेंस रकम पर की जाएगी। ब्याज प्रत्येक वित्तीय वर्ष के अंत में खाते में जमा किया जाएगा।
सुकन्या समृद्धि खाते के टैक्स लाभ क्या हैं?
सुकन्या समृद्धि खाता ईईई (एक्जेम्प्ट- एक्जेम्प्ट – एक्जेम्प्ट) कैटेगरी में आता है। आप इनकम टैक्स ऐक्ट, 1961 की सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये की कर कटौती का दावा कर सकते हैं। इस पर हर साल मिलने वाला ब्याज भी कर-मुक्त है। इसके अलावा मैच्योरिटी पर बेटी को मिलने वाली रकम (मूलधन + ब्याज) पर कोई टैक्स नहीं है। सुकन्या स्कीम अकाउंट से आंशिक निकासी भी टैक्स-फ्री है।
कैलकुलेशन समझिए
सुकन्या समृद्धि खाते की ब्याज दर हर तिमाही में संशोधित की जाती है। शुरुआत से ही सुकन्या समृद्धि योजना में अधिकतम 9.2% की ब्याज दर दी गई है। योजना की न्यूनतम ब्याज दर 7.6% रही है। सुविधा के लिए कैलकुलेशन की खातिर 8 फीसदी ब्याज दर मान लेते हैं। इसे मानते हुए अगर आप 15 साल तक एसएसवाई में हर साल 1.5 लाख रुपये (यानी 12,500 रुपये प्रति माह) निवेश करते हैं तो बेटी को 21 साल के बाद मैच्योरिटी पर लगभग 70 लाख रुपये मिलेंगे। अगर आप 15 साल तक हर साल 1 लाख रुपये यानी हर महीने 8,333.33 रुपये निवेश करते हैं तो बेटी को 21 साल बाद मैच्योरिटी पर 46.5 लाख रुपये मिलेंगे।
सुकन्या समृद्धि खाते में निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान
1) आप इस छोटी बचत स्कीम का लाभ तभी उठा सकते हैं जब आपकी बेटी है और वह पात्रता मानदंडों को पूरा करती है।
2) इसमें 21 साल की लंबी लॉक-इन अवधि है। तो SSY लंबी अवधि के निवेश या आपकी बेटी के भविष्य के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए है।
3) सुकन्या समृद्धि योजना की ब्याज दर जी-सेक से जुड़ी हुई है। यह दर हर तिमाही में संशोधित की जाएगी। यह मौजूदा निवेशकों पर लागू होगी। इसलिए, जिस ब्याज दर पर आप निवेश करते हैं वह निवेश की पूरी अवधि के लिए तय नहीं होगी।
4) बहुत से निवेशक ऐसे उत्पादों की तलाश करते हैं जो परिपक्वता पर एक निश्चित रिटर्न प्रदान करते हैं। निवेशित राशि को अस्थिरता से बचाते हैं। ऐसे निवेशकों के लिए सुकन्या समृद्धि खाता लंबी अवधि की बचत का एक अच्छा अवसर हो सकता है।
5) कर छूट-छूट-छूट (ईईई) उन प्रमुख कारणों में से एक है जिनके कारण निवेशक इस लोकप्रिय स्कीम की ओर आकर्षित होते हैं।