मुंगेली/ शासन द्वारा अभी हाल ही में अंबेडकर वार्ड के पार्षद हेमेंद्र गोस्वामी को मुंगेली नपा का कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया, जिसके चलते कल पार्षद हेमेंद्र गोस्वामी ने अध्यक्ष की कुर्सी संभाली, साथ ही कल शपथ समारोह भी संपन्न हुआ, जगह-जगह रैली निकाल मनोनीत अध्यक्ष का जमकर स्वागत समर्थकों द्वारा किया गया। कांग्रेसियों ने कहा कि ये बात शायद मुंगेली भाजपा को हजम नहीं हो रही हैं क्योंकि पार्षद हेमेंद्र गोस्वामी के नियुक्ति और शपथ समारोह के बाद भाजपा तिलमिला उठी हैं जिसके चलते कल देर शाम आनन-फानन में प्रेस विज्ञप्ति जारी कर नियुक्ति पर उंगली उठाया जा रहा हैं। साथ ही नगर में भी चर्चा का विषय बना हुआ है कि भाजपा नेताओं द्वारा मजबूरी और बेबसी में यह विज्ञप्ति जारी किया गया।
भाजपा द्वारा जारी विज्ञप्ति में यह कहा हैं –
”क्षेत्रीय विधायक एवं पूर्व मंत्री पुन्नूलाल मोहले सहित भाजपा नेता गिरीश शुक्ला, जिलाध्यक्ष शैलेश पाठक,नगर पालिका उपाध्यक्ष मोहन मल्लाह ने नगर पालिका मुंगेली में निर्वाचित नगर पालिका उपाध्यक्ष के होते हुए भी किसी अन्य पार्षद को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाए जाने को कांग्रेस सरकार की विद्वेषपूर्ण राजनीति का परिणाम बताया है। इससे पूर्व में भी दो बार भाजपा के अध्यक्ष रहे स्व निरंजन प्रसाद केशरवानी को भी हटाने का कार्य कर चुकी है।
नेताओं ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि भारतीय जनता पार्टी से निर्वाचित नगर पालिका अध्यक्ष संतुलाल सोनकर को बिना चार्ज लगे तथा बिना दोष सिद्ध हुए पद से हटाकर अन्याय किया गया है। उनके स्थान पर एक कांग्रेस पार्षद जो कि नगर पालिका अध्यक्ष के चुनाव में पराजित हो गए थे उन्हें पीछे के रास्ते से कार्यवाहक अध्यक्ष बना दिया गया। श्री मोहले ने कहा कि नगर पालिका अध्यक्ष संतुलाल सोनकर पर लगे नाली घोटाले के आरोप के बाद उनसे अध्यक्ष के अधिकार छीन लिए गए थे। शासन की ही आदेश से नगर पालिका के निर्वाचित उपाध्यक्ष मोहन मल्लाह को कार्यवाहक अध्यक्ष का प्रभार दिया गया था जो कि विधिसम्मत था किंतु 6 दिसंबर को एक आदेश के जरिए एक और कार्यवाहक अध्यक्ष बना दिया गया जिसकी आवश्यकता ही नहीं थी। कांग्रेस सरकार ने वही किया जो वो हमेशा दूसरी पार्टी के जनप्रतिनिधियों के साथ करती रही है। ज्ञातव्य है कि पूर्व में भी दो बार भाजपा के स्व निरंजन प्रसाद केशरवानी को दुर्भावना पूर्वक पद से हटा दिया गया था। परंतु दोनो ही बार वे शासन के विरुद्ध कोर्ट से विजयी होकर अपने पद पर बहाल हुए थे। छग की कांग्रेस सरकार ने फिर वही किया है। संतुलाल सोनकर का केस न्यायालय में लंबित है । किंतु उन पर अभी दोष सिद्ध नहीं हुआ है कोर्ट के निर्णय के पूर्व ही कांग्रेस सरकार ने कार्यवाही कर दी। अतः उन्हें पद से हटाना असंवैधानिक है। इसके अतिरिक्त नगर पालिका उपाध्यक्ष मोहन मल्लाह को पार्षदों ने ही चुना है जिनका कार्य अध्यक्ष के अनुपस्थित रहने पर उनके दायित्वों का निर्वहन करना है जो वे शासन के ही आदेश से बखूबी कर रहे थे। उनसे उनका भी अधिकार छीनकर एक सामान्य पार्षद जो कि अध्यक्ष का चुनाव हार चुका हो उसे पीछे के रास्ते अध्यक्ष बनाया जाना अन्याय की श्रेणी में आता है। कांग्रेस ने लोकतंत्र का एक बार फिर मजाक बना दिया है। भारतीय जनता पार्टी चुप नहीं बैठेगी जनता के साथ मिलकर विरोध का स्वर बुलन्द करेगी।”