नई दिल्ली
एडटेक कंपनी बायजू (Byju's) को फिर से झटका लगा है। बायजू को 1.2 बिलियन डॉलर का लोन का लोन देने वाले कंसोर्टियम के मेंबर्स के मुताबिक, अमेरिका की अदालत ने एडटेक कंपनी को 533 मिलियन डॉलर की रकम को ट्रांसफर करने या इस्तेमाल करने से रोक दिया है। ये रकम पहले हेड फंड के पास थी, लेकिन अब इसे किसी अज्ञात ऑफशोर ट्रस्ट में ले जाया गया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि यह पैसा कहीं इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है इस फैसले को कंपनी के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहे कर्जदाताओं की जीत माना जा रहा है। इसी के साथ अदालत के जज जॉन टी. डोर्सी ने हेज फंड कैमशाफ्ट कैपिटल के फाउंडर विलियम मॉर्टन को गिरफ्तार करने का आदेश भी दिया है। बताया गया है कि मॉर्टन बार-बार अदालत में पेश होने और रकम के ट्रांसफर के बारे में जानकारी देने से इनकार कर रहे थे।
कंपनी ने कही ये बात
निवेशकों के समूह के बयान के मुताबिक, अदालत ने पाया कि Byju's के फाउंडर बायजू रवींद्रन और दिव्या गोकुल्नाथ कंपनी बाजयू अल्फा के साथ मिलकर काम कर रहे थे, उन्हें अदालत के फैसले का पालन करने का आदेश दिया गया है। कथित तौर पर हेज फंड में पैसा ट्रांसफर करने से पहले बायजू ने अपनी मूल कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड की अमेरिकी सहायक कंपनी बायजू अल्फा में टर्म लोन से 533 मिलियन डॉलर निवेश किए थे। बायजूस अल्फा अब अमेरिका में दिवालियापन की प्रक्रिया से गुजर रही है।
स्थिती का फायदा उठाने की कोशिश
बायजू के मुताबिक, पैसा हमेशा उनकी एक सब्सिडियरी में सुरक्षित रखा गया है और अदालत के आदेश के अनुसार यह वहीं रहेगा। कंपनी का कहना है कि यह तथाकथित समूह स्थिती का फायदा उठाने और अप्रत्याशित लाभ कमाने के लिए बायजू के कुछ बड़े निवेशकों के साथ मिलकर काम कर रहा है। इस ग्रुप ने मीडिया में गलत कहानी फैलाने के लिए जज द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों को चुनकर पेश किया है। बाजयू ने कहा कि वह इस "झूठ" के खिलाफ लड़ना जारी रखेंगे।