मुंबई
टी20 क्रिकेट के चलते रेड बॉल क्रिकेट को दरकिनार करना विदेशो में तो आम बात हो गई है, मगर धीरे-धीरे इसका असर भारतीय क्रिकेट पर भी देखने को मिल रहा है। रेड बॉल क्रिकेट को बचाए रखने के लिए हाल ही में बीसीसीआई ने एक 'इंसेंटिव स्कीम' का ऐलान किया है, जिसमें टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ियों को मैच फीस के अलावा भी पैसे मिलेंगे। बीसीसीआई की इस स्कीम की तारीफ हर जगह हो रही है। महान सुनील गावस्कर ने भी बीसीसीआई के इस कदम की सराहना की है। हालांकि उन्होंने रणजी ट्रॉफी को भी बचाए रखने के लिए बीसीसीआई को कुछ इसी तरह के कदम उठाने की अहम सलाह भी दी है।
सुनील गावस्कर ने बीसीसीआई से सिफारिश की है कि बोर्ड को रणजी ट्रॉफी में भाग लेने के लिए खिलाड़ियों की फीस को "दोगुना या तिगुना" करके आकर्षक बनाना चाहिए। इससे जो खिलाड़ी तरह-तरह के कारण बताकर रणजी ट्रॉफी से अपना नाम वापस ले लेते हैं उसमें कमी आएगी। बीसीसीआई ने हाल ही में रणजी ट्रॉफी में भाग न लेने के कारण कुछ खिलाड़ियों को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर कर दिया था।
सुनील गावस्कर ने शुक्रवार को अपने फाउंडेशन 'चैंप्स' की 25वीं वर्षगांठ समारोह के दौरान रिपोटर्स से कहा "मुझे लगता है कि जब धर्मशाला में इसकी घोषणा की गई तो राहुल द्रविड़ (भारत के मुख्य कोच) ने जो कहा, वह इसे इनाम कहना चाहेंगे। बीसीसीआई द्वारा उन लोगों को पुरस्कृत करना एक अद्भुत बात है जो खेल रहे होंगे, लेकिन मैं ये रिक्वेस्ट करना चाहूंगा कि बीसीसीआई से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध करें कि टेस्ट टीम के फीडर, जो कि रणजी ट्रॉफी है, उसका भी ध्यान रखा जाए।"
उन्होंने आगे कहा, "(यदि) रणजी ट्रॉफी की फीस दोगुनी या तिगुनी की जा सकती है, तो निश्चित रूप से बहुत अधिक लोग रणजी खेलेंगे ट्रॉफी से बाहर होंगे, क्योंकि अगर रणजी ट्रॉफी मैच खेलने की फीस अच्छी है तो विभिन्न कारणों से कम लोग बाहर होंगे। वे सभी स्लैब सिस्टम के साथ खेलना चाहेंगे – हर 10 प्रथम श्रेणी मैचों में आपको इतना अधिक मिलता है इसलिए मैं बीसीसीआई से उस पहलू पर भी गौर करने का अनुरोध करूंगा।''
बीसीसीआई ने मैच-फीस के स्ट्रक्चर में 2021 में बदलाव किए थे। 1 से 20 मैच खेलने वाले खिलाड़ी को प्रतिदिन 40 हजार, 21 से 40 मैच खेलने वालों को 50 हजार और 40 से अधिक मैच खेलने वाले खिलाड़ी को प्रतिदिन 60 हजार मैच फीस मिलती है।