बीजिंग
भारत के खिलाफ अक्सर जहर उगलने वाले चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने भी अब हिंदुस्तान की ताकत का लोहा मान लिया है। ग्लोबल टाइम्स ने एक ट्वीट करके कहा कि भारत समेत ग्लोबल साउथ के देश तेजी से इनोवेशन के पावरहाउस बन रहे हैं। ग्लोबल टाइम्स ने एक आंकड़ा जारी करके कहा कि साल 2023 में चीन की ओर से दुनिया में सबसे ज्यादा पेटेंट आवेदन फाइल किया गया। वहीं अगर बात भारत की करें तो हिंदुस्तान ने पेटेंट आवेदन फाइल करने में सबसे ज्यादा तेजी हासिल की है। इस आंकड़े के मुताबिक साल 2023 में भारत के पेटेंट आवेदन में 44.6 प्रतिशत की तेजी आई है।
इस आंकड़े के मुताबिक तुर्की में 8.5 और 5.8 प्रतिशत की तेजी नीदरलैंड में देखी गई है। पेटेंट आवेदन में तेजी यह दिखाती है कि भारत में इनोवेशन को बढ़ावा मिल रहा है और इस वजह से कई नई चीजें सामने आ रही हैं। वहीं दुनिया की बात करें तो सबसे ज्यादा पेटेंट चीन ने कराए हैं। चीन की ओर से साल 69610 पेटेंट, अमेरिका ने 55678, जापान ने 48879, दक्षिण कोरिया ने 22288 और जर्मनी ने करीब 17 पेटेंट आवेदन दिए हैं। इस तरह से देखें तो दुनिया की फैक्ट्री बन चुके चीन ने पेटेंट के आवेदन के मामले में सभी देशों को पीछे छोड़ दिया है।
भारत की तारीफ क्यों ?
इससे पहले साल 2022 में भी भारत और चीन ने जमकर पेटेंट आवेदन किए थे। चीन ने जहां साल 2022 में 15 लाख 80 हजार पेटेंट आवेदन किए थे। वहीं भारत से पेटेंट के आवेदन में 31.6 प्रतिशत की तेजी आई थी। चीन के ग्लोबल टाइम्स की बात करें तो यह सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के प्रोपेगेंडा को आगे बढ़ाता है और अक्सर भारत के खिलाफ जहरीले बयान देता रहता है। वहीं अगर पश्चिमी देशों को निशाना बनाना हो तो ग्लोबल टाइम्स ग्लोबल साउथ की बात करने लगता है और भारत की तारीफ करने लगता है।
अग्नि-5 की टेस्टिंग पर चीन में भारतीय दूतावास ने क्या कहा? ट्वीट दुनिया में वायरल
ग्लोबल टाइम्स की कोशिश रहती है कि भारत और उसके दोस्त देशों में भी फूट डाली जाए। हाल ही में ग्लोबल टाइम्स ने भारत के अग्नि-5 मिसाइल टेस्ट करने पर एक लेख प्रकाशित किया था। इसमें चीनी विशेषज्ञों ने कहा था कि भारत ने एमआईआरवी तकनीक से लैस अग्नि मिसाइल का परीक्षण करके बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने कहा कि इससे भारत की मिसाइल ताकत में इजाफा होगा। इससे पहले गलवान हिंसा के समय ग्लोबल टाइम्स ने भारत के खिलाफ माइंड गेम खेलना शुरू कर दिया था और जमकर दुष्प्रचार फैलाया था। ग्लोबल टाइम्स समय-समय पर ऐसा करता रहता है।