कोरबा। वनमंडल कोरबा व कटघोरा में उत्पात मचा रहे हाथियों को आबादी क्षेत्र में आने से रोकने के लिए पिफर से सोलर पॉवर फेसिंग लगाने की तैयारी हो रही है। यह एक ऐसी हाथी रोधक दीवार होगी जिसे हाथी भेद नहीं पाएंगे। मूल रूप से इस तकनीक का सफल प्रयोग तमिलनाडू में हो रहा है। वहीं के मॉडल के आधार पर यहां भी हाथियों को गांवों, खेतों तक पहुंचने से रोकने के लिए यह फेंसिंग तकनीक अपनाई जाएगी।
बता दें कि इससे पहले भी राज्य में हाथियों से बस्तियों-खेतों की सुरक्षा के लिए सोलर फेंसिंग का इस्तेमाल किया जाता रहा है, लेकिन हाथी इन्हें भेदने में कामयाब होते रहे हैं। इसके साथ ही वे सोलर फेंसिंग सिस्टम में क्षतिग्रस्त कर नुकसान पहुंचाते हैं। अब जिस तकनीक की बात की जा रही है उसके तमिनाडू में काफी सकारात्मक परिणाम हाथी समस्या के समाधान में मिले हैं।
वनमंडल कोरबा के 4 गांवों में फेसिंग लगाई गई थी। क्रेडा ने फेसिंग के बाद सौर उर्जा प्लांट लगाया था, वह अब गायब है। सरदुकला, कोटमेर व चाकामार में सिर्फ खंभे ही बचे हैं। सौर उर्जा प्लेट भी गायब है। इस बार तमिलनाडू मॉडल का प्रयोग किया जाएगा, जो काफी कारगर साबित हो सकता है।हाथी फेसिंग को तोड़ नहीं पाते। वहां यह प्रयोग काफी सफल है। बता दें कि हाथी भोजन की तलाश में ही शाम होते ही गांव का रूख करते हैं। वह सबसे अधिक आकर्षित महुआ की गंध पर होते है। 20 साल से वनमंडल में घूम रहे हाथियों को अब धान खाने की आदत पड़ गई है। इस वजह से गांव में घुसकर मकानों को तोड़ रहे हैं।