नई दिल्ली
सोने की कीमत में हाल में काफी तेजी आई है। चीन का सेंट्रल बैंक और वहां के आम लोग जमकर सोने की खरीदारी कर रहे हैं। साथ ही अमेरिका के सेंट्रल बैंक फेड रिजर्व के ब्याज दरों में कटौती के संकेत से भी सोने की कीमत में तेजी आई है। मुसीबत के समय हमेशा सोना चमका है। चीन की इकॉनमी कई मोर्चों पर संघर्ष कर रही है। साथ ही कई जियोपॉलिटिकल कारणों से सोने का निखार बढ़ा है। इसके साथ ही सोने का ग्लोबल मार्केट कैप 15 ट्रिलियन डॉलर के पार चला गया है। यह दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी माइक्रोसॉफ्ट की तुलना में करीब पांच गुना है। साथ ही अमेरिका और चीन को छोड़कर दुनिया के किसी भी देश की इकॉनमी इससे अधिक नहीं है।
World of Statistics के मुताबिक मार्च 2010 में ग्लोबल गोल्ड मार्केट कैप छह ट्रिलियन डॉलर था जो मार्च 2024 में ढाई गुना बढ़कर 15 ट्रिलियन डॉलर पहुंच गया। अगर सालाना आधार पर बात करें तो 2011 में यह 7.8 ट्रिलियन डॉलर, 2012 में 9.4 ट्रिलियन डॉलर, 2013 में 9.1 ट्रिलियन डॉलर, 2014 में 7.8 ट्रिलियन डॉलर, 2015 में सात ट्रिलियन डॉलर, 2016 में 7.5 ट्रिलियन डॉलर, 2017 में 7.6 ट्रिलियन डॉलर, 2018 में 8.3 ट्रिलियन डॉलर, 2019 में 8.3 ट्रिलियन डॉलर, 2020 में 10.3 ट्रिलियन डॉलर, 2021 में 11.3 ट्रिलियन डॉलर, 2022 में 13.1 ट्रिलियन डॉलर, 2023 में 13.1 ट्रिलियन डॉलर था।
गोल्ड वर्सेज माइक्रोसॉफ्ट
सोना यानी गोल्ड कोई कंपनी होता तो उसका दुनिया की कोई भी कंपनी उसके सामने टिक नहीं पाती। मार्केट कैप के हिसाब से अभी माइक्रोसॉफ्ट दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है। इसका मार्केट कैप 3.085 ट्रिलियन डॉलर है। लेकिन सोने का ग्लोबल मार्केट कैप इससे करीब पांच गुना अधिक है। माइक्रोसॉफ्ट के साथ ऐपल ($2.675 ट्रिलियन डॉलर), एनवीडिया (2.297 ट्रिलियन डॉलर), सऊदी अरामको (2.068 ट्रिलियन डॉलर) और ऐमजॉन (1.821 ट्रिलियन डॉलर) को भी मिला लिया जाए तब भी सोना इन पर भारी बैठता है। इसी तरह अमेरिका और चीन को छोड़ दिया जाए तो सोने का मार्केट कैप दुनिया के हर देश की इकॉनमी से ज्यादा है। फोर्ब्स के मुताबिक अमेरिका की जीडीपी 27.974 ट्रिलियन डॉलर और चीन की 18.566 ट्रिलियन डॉलर है।