चंडीगढ़
हरियाणा की सियासत में मंगलवार को बड़ा फेरबदल हुआ. नायब सिंह सैनी ने हरियाणा के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. कुरुक्षेत्र से सांसद सैनी पूर्व में राज्य सरकार में मंत्री रह चुके हैं और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं. इससे पहले आज ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा था, जिसे स्वीकार कर लिया गया.
खट्टर ने अपने पूरे कैबिनेट के साथ इस्तीफा दिया था. इस तरह हरियाणा में बीजेपी और जननायक जनता पार्टी (JJP) का गठबंधन टूट गया. कहा जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर हुए मतभेदों की वजह से ये गठबंधन टूटा है. इस बीच उन्होंने चंडीगढ़ में बीजेपी और निर्दलीय विधायकों के साथ बैठक की. निर्दलीय विधायकों ने सीएम खट्टर से मुलाकात कर अपना समर्थन जताया
हरियाणा में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष नायब सिंह सैनी ने नए मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. नायब सिंह सैनी कुरुक्षेत्र से बीजेपी के सांसद भी हैं.
त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद बिप्लब देव ने नायब सिंह सैनी को विधायक दल का नेता चुने जाने पर बधाई दी थी.
उन्होंने एक्स पर लिखा, “प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री नायब सिंह सैनी जी को विधायक दल का नेता चुने जाने पर उन्हें हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें."
उन्होंने बताया, "मुझे विश्वास है कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर जी के नेतृत्व में शुरू हुए हरियाणा के विकास कार्यों को वो आगे बढ़ाते हुए राज्य को विकास के मामले में आगे लेकर जायेंगे.”
इससे पहले मंगलवार की सुबह हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफ़े की ख़बर आई थी. खट्टर साल 2014 में पहली बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने थे. इसके बाद से लगातार बीजेपी वहां सत्ता में है.
राज्यपाल से की मुलाक़ात
हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मुलाक़ात करते हुए नायब सिंह सैनी
विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद नायब सिंह सैनी ने हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मुलाक़ात करके सरकार बनाने का दावा पेश किया है.
इससे पहले बीजेपी विधायक राजेश नागर ने पीटीआई को बताया था, "मनोहर लाल जी ने ही उनका नाम आगे बढ़ाया था. अब उन्हें सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री के लिए बोल दिया गया है."
बीजेपी ने हरियाणा में जननायक जनता पार्टी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी जिसमें दुष्यंत चौटाला को डिप्टी सीएम बनाया गया था.पिछले कुछ समय से इस गठबंधन में दरार पड़ने की ख़बरें आ रही हैं.
नायब सिंह सैनी मुख्यमंत्री पद की ज़िम्मेदारी संभालने के बाद अपने मंत्रिमंडल का गठन करेंगे.एक सवाल ये उठाया जा रहा है कि इस मंत्रिमंडल में जेजेपी को जगह दी जाएगी या नहीं.करनाल से बीजेपी विधायक संजय भाटिया ने मंत्रिमंडल में बदलाव से जुड़े सवाल पर प्रतिक्रिया दी है.
उन्होंने कहा है, "अब जो मुख्यमंत्री शपथ लेंगे. ये उनका एकाधिकार है. वो किसे मंत्रिमंडल में रखते हैं. अपनी टीम बनाने का उन्हें पूरा अधिकार है. और वह पार्टी की सलाह से ही बनाएंगे."
विपक्ष क्या कह रहा है?
वहीं, विपक्षी दल कांग्रेस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस घटनाक्रम के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है.
उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए. ये सरकार अपना नैतिक बल खो चुकी है. इसकी (बदलाव की) वजह सरकार का असफल रहना है. क्योंकि बीजेपी और जेजेपी के बीच ये गठबंधन किसी नीति पर आधारित नहीं था."
"सिर्फ सरकार विरोधी लहर से बचने के लिए और लोगों का ध्यान हटाने के लिए किया जा रहा है. ये मिली-भगत है. और लोग इस बात को समझ चुके हैं."
इसके साथ ही कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक्स पर लिखे एक पोस्ट में बीजेपी को घेरने की कोशिश की है.
उन्होंने लिखा है, "हरियाणा में पूर्व निर्धारित 'स्क्रिप्ट' के आधार पर हरियाणवियों को जाति के विभाजन में बाँटकर वोट बटोरने की 'राजनीतिक सर्कस' शुरू. साढ़े नौ साल की खट्टर सरकार की नाकामयाबी और नकारापन से बचने के लिए गठबंधन तोड़ने का ‘पूर्व निर्धारित ड्रामा’. आधे अब भाजपा में और आधे जजपा में."
"सारे पापों का ठीकरा जजपा पर मड़ने का नया 'शगूफा' छोड़ा जाएगा. नया मंत्रिमंडल बनाया जायेगा, शायद नया मुख्यमंत्री भी. लोगों को पिछले कुकर्म भुलाने, 10 सालों के पिछली जन विरोधी नीतियों – फ़ैसलों से भटकाने के लिये 'पाप के टोकरे' पर नया 'लेबल' चिपकाया जाएगा."
कौन हैं नायब सिंह सैनी?
अंबाला के मिज़ापुर माजरा गांव से आने वाले नायब सिंह सैनी ने यूपी की चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से क़ानून की पढ़ाई की है.
नब्बे के दशक में अंबाला से ही अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले सैनी को पिछले साल ही पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है.
लेकिन उनकी शुरुआत अंबाला में बीजेपी के ज़िला युवा मोर्चा से हुई. सैनी ने इस संगठन में महासचिव और ज़िला अध्यक्ष जैसे पदों की कमान संभाली.
इसके बाद पार्टी ने उन्हें हरियाणा किसान मोर्चा के महासचिव पद की ज़िम्मेदारी भी दी.साल 2009 में पहली बार उन्होंने नारायणगढ़ विधानसभा सीट पर अपनी दावेदारी की.लेकिन इस चुनाव में उन्हें कांग्रेस के प्रत्याशी राम किशन का सामना करते हुए हार का सामना करना पड़ा.
इसके बाद साल 2012 में पार्टी ने उन्हें अंबाला में ज़िला अध्यक्ष बनाया.
साल 2014 में नायब सिंह सैनी ने एक बार फिर नारायणगढ़ सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा जिसमें उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी निर्मल सिंह को मात दी.बीजेपी ने भी इसी चुनाव में पहली बार हरियाणा में चुनाव जीतकर इतिहास रचा था.
इसके बाद बीजेपी ने मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री पद की कमान दी थी.
खट्टर के साथ राजनीतिक सफर
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ नायब सिंह सैनी
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ नायब सिंह सैनी
नायब सिंह सैनी को हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के क़रीबी नेताओं में शुमार किया जाता है.
खट्टर के मुख्यमंत्री बनने के साथ ही नायब सिंह सैनी को कैबिनेट में जगह दी गयी.
इसके बाद उन्हें खान एवं भू-विज्ञान और नवीकरणीय ऊर्जा विभाग की ज़िम्मेदारी दी गयी.
इसके बाद साल 2019 के चुनाव में बीजेपी ने नायब सिंह सैनी को कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से उतारा जिसमें उन्होंने 3.84 लाख वोटों से जीत दर्ज की.