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सोने की कमी की पहचान के लिए ब्लड टेस्ट: नींद की आवश्यकता का संकेत।

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 इस बात से हम सभी वाकिफ हैं कि एक हेल्दी एडल्ट को पूरे दिन में तकरीबन 7 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए, ताकि उनकी सेहत अच्छी रह सके, अगर आपकी स्लीप डिस्टर्ब होती है या कम सोते हैं तो इससे न सिर्फ दिनभर सुस्ती और थकान का अहसास होगा, बल्कि इसका असर आपके बॉडी फंक्शंस पर भी पड़ेगा. लेकिन क्या आप पता लगा सकते हैं कि किसी इंसान ने कितनी देर की नींद ली है.

कहां की गई है रिसर्च?

साइंटिस्ट की एक टीम ने एक खास तरह ब्लड टेस्ट डेवलप किया है जो ये पता लगा सकता है कि कोई व्यक्ति 24 घंटों से सोया है या नहीं है. ऑस्ट्रेलिया (Australia) में मोनाश यूनिर्वसिटी (Monash University) और ब्रिटेन (Britain) में बर्मिंघम यूनिवर्सिटी (University of Birmingham) के स्पेशलिस्ट्स के मुताबिक, नींद की कमी से गंभीर बीमारी या मौत का रिस्क भी बढ़ सकता है. साइंस एडवांसेज (Science Advances) जर्नल में छपी एक स्टडी के मुताबिक, बायोमार्कर टेस्ट (Biomarker Test) से पता लग सकता है कि कोई इंसान 24 घंटे तक जाग रहा था या नहीं.

कम सोने वाले ड्राइवर का लगेगा पता

बर्मिंघम यूनिवर्सिटी में नींद और सर्केडियन साइंस के प्रोफेसर क्लेयर एंडरसन (Clare Anderson) ने कहा, "वैज्ञानिकों के लिए ये सचमुच में एक रोमांचक खोज है, और अपर्याप्त नींद से जुड़े हेल्थ मैनेजमेंट में ट्रांसफॉर्मेटिव हो सकता है." दुनियाभर में तकरीबन 20 फीसदी सड़क हादसे नींद की कमी की वजह से होते हैं रिसर्चर्स को उम्मीद है कि ये खोज नींद की कमी से जूझ रहे ड्राइवर्स की आसानी से पहचान कर सकती है जिससे फ्यूचर में इस मामले का आसानी से हल किया जा सकता है.

अनसेफ ड्राइविंग से छुटकारा

प्रोफेसर एंडरसन ने कहा, "इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि 5 घंटे से कम नींद अनसेफ ड्राइविंग से जुड़ी है, लेकिन 24 घंटे जागने के बाद गाड़ी चलाना, शराब पीकर गाड़ी चलाने से कहीं ज्यादा खतरनाक है." ये टेस्ट भविष्य में फोरेंसिक इस्तेमाल के लिए भी हो सकता है लेकिन आगे वेरिफिकेशन की जरूरत है. ये नींद की कमी का बायोमार्कर टेस्ट 24 घंटे या उससे अधिक जागने पर आधारित है, लेकिन 18 घंटे तक जागने का पता भी लगा सकता है.
 

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