इंदौर.
भारत सरकार इन दिनों देश को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से कई सारे काम कर रही है। इन तमाम कामों में से एक काम है स्टार्टअप को बढ़ावा देना। देश के बजट में भी स्टार्टअप और रिसर्च के लिए अच्छी खासी धनराशि रखी गई है। दरअसल, स्टार्टअप के चलते न केवल देश के युवा स्वयं नवाचार करते हुए अपने लिए रोजगार का सृजन करते हैं, बल्कि वे अपनी तरह के कई युवाओं को रोजगार भी देते हैं। इसके अलावा स्टार्टअप के आइडिया से देश व समाज की समस्याओं का निदान भी होता है। इसी उद्देश्य से देशभर में प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और अन्य कालेजों में इंक्यूबेशन सेंटर बनाए गए हैं। किंतु बीते कुछ समय से स्टार्टअप के अच्छे आइडिया को भी मार्केटिंग संबंधी दिक्कतें आ रही हैं।
मसलन, आइडिया अच्छा है और उस पर काम भी शुरू हो गया, किंतु सही मार्केटिंग न हो पाने के कारण प्रोडक्ट बाजार में वैसी गति नहीं पकड़ पाता, जैसी कि उसमें संभावना है। यही कारण है कि अब इस कमी को पूरा करने के लिए भारतीय प्रबंध संस्थान (आइआइएम) इंदौर आगे आया है। अब आइआइएम के मैनेजमेंट गुरु स्टार्टअप को मार्केटिंग के नए मंत्र सिखाएंगे और उनमें प्राण फूंकेंगे। दरअसल, स्टार्टअप की ग्रोथ के लिए सबसे जरूरी होती है प्रोडक्ट की मार्केटिंग। इसके लिए सरकार द्वारा देशभर में एंटरप्रेन्योर इन रेजिडेंस (ईआइआर) सेंटर शुरू किए गए हैं। ऐसा ही एक सेंटर आइआइएम इंदौर में भी जल्द ही शुरू किया जाएगा।
अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग के लिए ट्रेनिंग ले सकेंगे स्टार्टअप
इस बात की पुष्टि निधि-आइटीबीआइ, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के एडवाइजर डा. नवीन वशिष्ठ ने की। वे शनिवार को श्री गोविंदराम सेकसरिया प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान (एसजीएसआइटीएस) के सीआइडीआइ इंक्यूबेशन सेंटर में इनोवेटर्स और स्टार्टअप से मुलाकात करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने विद्यार्थियों और शोधार्थियों के सवालों के जवाब भी दिए। उन्होंने ईआइआर सेंटर को लेकर कहा कि कई स्टार्टअप्स मार्केटिंग न होने से ज्यादा ग्रोथ नहीं कर पाते। इसी को ध्यान में रखते हुए देशभर में 37 ईआइआर सेंटर शुरू किए गए हैं। आइआइएम इंदौर में भी इस सेंटर के बनने की दिशा में काम शुरू हो गया है। जल्द ही यह सेंटर काम करना शुरू करेगा। यहां प्रदेशभर के स्टार्टअप अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग के लिए ट्रेनिंग ले सकेंगे। इससे स्टार्टअप को उड़ने के लिए मानो नए पंख मिल जाएंगे।
50 हजार करोड़ रुपये आवंटन का प्रविधान
देश में अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एएनआरएफ) के माध्यम से देशभर के विश्वविद्यालयों और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में विभिन्न विषयों में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार ने शुरुआती पांच वर्षों के लिए 50 हजार करोड़ रुपये के आवंटन का प्रविधान किया है। एएनआरएफ का लक्ष्य अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देना है। उन्होंने आगे कहा कि स्टार्टअप की मेंटरिंग के लिए कई इंक्यूबेशन सेंटर भी बनाए गए हैं। सभी इंक्यूबेशन सेंटर अलग-अलग टेक्नोलाजी और आइडिया पर काम करते हैं। आप अपने इनोवेशन या स्टार्टअप के लिए संबंधित इंक्यूबेशन सेंटर से मेंटरिंग ले सकते हैं। इसके अलावा सरकार की निधि-प्रयास स्कीम के तहत इनोवेशन को फंडिंग भी दी जाती है। हालांकि यह फंडिंग मार्केट में प्रोडक्ट की डिमांड को देखते हुए की जाती है।
फंडिंग के नाम पर धोखा न खाएं
आजकल मार्केट में कई ऐसे लोग आ चुके हैं, जो स्टार्टअप को फंडिंग दिलाने के लिए कमीशन के रूप में पैसा ऐंठ रहे हैं। जबकि सच यह है कि सरकार सीधे तौर पर फंडिंग करती है। फ्राड लोग मेंटरिंग के नाम पर झांसा देते हैं और फंडिंग दिलाने का वादा करते हैं। इसके लिए वे प्रेजेंटेशन के साथ ही कुछ तैयारी करवाते हैं। फंडिंग मिलने के बाद वे उसमें से कुछ प्रतिशत कमीशन लेते हैं। जबकि निधि-आइटीबीआइ सीधे स्टार्टअप को फंडिंग करता है। झांसे में उलझने वाले स्टार्टअप को दोहरा नुकसान भी हो सकता है। अगर शासन को यह पता चले कि फंडिंग का कुछ प्रतिशत किसी और व्यक्ति को जा रहा है, तो स्टार्टअप की फंडिंग तक रोकी जा सकती है। वहीं इंक्यूबेशन सेंटर में फंडिंग के लिए पैनल चर्चा होती है और सीधे तौर पर स्टार्टअप पैसा दिया जाता है। स्वयं जो स्टार्टअप सरकारी स्कीम के तहत फंडिंग के लिए अप्लाई करते हैं, उनके साथ ऐसा ज्यादा होता है।
स्टार्टअप का राजा बन रहा इंदौर
मध्य प्रदेश में कुल 3293 स्टार्टअप चल रहे हैं, जिनमें से 1162 स्टार्टअप इंदौर में ही संचालित हो रहे हैं। 16 जनवरी 2022 को इंदौर में करीब 350 स्टार्टअप चल रहे थे, अब इनकी संख्या 1162 हो गई। इन दो वर्षों में इंदौर में 812 स्टार्टअप बढ़े हैं। स्टार्टअप शुरू करने वाले युवाओं की औसतन उम्र करीब 28 से 30 वर्ष होती है। लोगों की जरूरतों के हिसाब से युवा हर क्षेत्र में स्टार्टअप शुरू कर रहे हैं। हालांकि पिछले एक साल में इंदौर में करीब 120 स्टार्टअप बंद भी हुए हैं। वहीं बात अगर देश की करें तो अभी 105 यूनिकार्न हैं। एक अरब डालर से अधिक मूल्यांकन वाले स्टार्टअप को यूनिकार्न कहा जाता है।