भोपाल
इस साल सरकार को शराब दुकानों के ठेके देने में दिक्कत आ रही है। अभी भी तीस फीसदी दुकानों के आवंटन नीलामी और रिन्यूअल नहीं हो पाए है। अब सरकार आबकारी नीति में ऐसे प्रावधान करने जा रही है कि समय पर सारी दुकानों के आवंटन भी हो और सरकार का आबकारी राजस्व भी हर साल बढ़े।
वर्ष 2024-25 के लिए आबकारी नीति के क्रियान्वयन और इससे जुड़े विषयों पर निर्णय लेने और राजस्व हित में आवश्यक नीतिगत निर्णय लेने के लिए मंत्रिपरिषद समिति गठित कर दी है। इस समिति में वित्त, वाणिज्य कर और आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के के मंत्री और उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, परिवहन और स्कूल शिक्षा मंत्री उदयप्रताप सिंह और महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया को शामिल किया गया है। प्रमुख सचिव वाणिज्य कर इस समिति के सचिव होंगे। यह समिति अगले साल की आबकारी पॉलिसी पर मंथन करेगी और इसे और अधिक व्यवहारिक और सरल बनाने के उपायों पर मंथन कर सरकार को इसमें बदलाव के लिए अनुशंसा करेगी। जिस तरह शराब ठेकेदार एक राय होकर शराब दुकानों के ठेके नहीं उठाते है इस पर कैसे अंकुश लगाया जाए। शराब ठेकों से अधिक राजस्व कैसे आए इसके उपाय भी यह समिति बताएगी।
यदि शराब दुकानों के ठेके निजी ठेकेदार नहीं लेते है तो एक अप्रैल से दुकानें शासकीय स्तर पर संचालित करने के लिए किस तरह के विकल्प का उपयोग करे यह भी यह समिति तय करेगी। वहीं शराब की नई दुकाने खुले या नहीं खुले, अस्पताल, स्कूल-कॉलेज, मंदिर और रहवासी कॉलोनियों से कितनी दूरी पर ये दुकाने खोली जाए। होटल-बार रेस्टोरेंट और पर्यटन स्थलों पर किस तरह से अनुमतियां दी जाए। सामूहिक पार्टी और अन्य आयोजनों के लिए अल्पकालिक लाइसेंस किस तरह से दिए जाएं उसके लिए क्या शुल्क लिया जाए यह भी यह समिति तय करके सरकार को अनुशंसा करेगी।