भोपाल
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुरेश पचौरी को भाजपा में लाने की पूरी पटकथा पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बंगले पर लिखी गई। शिवराज सिंह चौहान और सुरेश पचौरी के बीच शुक्रवार को करीब डेढ़ घंटे तक बातचीत होती रही। इस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली में पार्टी नेताओं से बात की, केंद्रीय नेतृत्व से हरी झंडी मिलने के बाद पचौरी के भाजपा में आने का रास्ता साफ हुआ। केंद्रीय नेतृत्व की हां के बाद शिवराज सिंह चौहान और सुरेश पचौरी गले भी मिले थे।
दरअसल कमलनाथ के प्रदेश में आने के बाद कई नेताओं को पार्टी में तवज्जो मिलना कम हो गई थी। इनमें सुरेश पचौरी भी शामिल थे। जबकि पचौरी के समर्थक मध्य प्रदेश के लगभग सभी हिस्सों में हैं। पचौरी को महत्व नहीं दिए जाने के कारण उनके समर्थकों को भी कांग्रेस में नजर अंदाज किया जाने लगा। हालांकि वे पार्टी के हित के लिए पिछले दिनों तक सक्रिय थे। इसी बीच भाजपा के नेताओं ने प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार पचौरी को साधने का काम किया, जिसमें शिवराज सिंह चौहान ने अहम भूमिका निभाई। जिसमें पचौरी मान गए और उन्होंने भाजपा का दामन थामने का निर्णय लिया। पचौरी ने इसके बाद अपने कुछ चुनिंदा समर्थकों से बातचीत की। वे भी उनके साथ पार्टी छोड़ने को तैयार हो गए। गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी, संजय शुक्ला, विशाल पटेल, अर्जुन पलिया, आलोक चंसोरिया, अतुल शर्मा, कैलाश मिश्रा सभी उन्हीं के समर्थक हैं जिन्होंने उनके कहने पर कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा है।
समर्थकों की बड़ी संख्या वाले पचौरी अभी और देंगे कांग्रेस को डेंट
सुरेश पचौरी के समर्थकों की संख्या कांग्रेस में खासी है। भोपाल में ही आरिफ अकील विधायक उनके समर्थक हैं। भोपाल और नर्मदापुरम संभाग में उनके समर्थकों की संख्या सबसे ज्यादा है। कांग्रेस के प्रदेश और जिला संगठन के कई प्रमुख पदों पर उनके समर्थक हैं। ऐसे में अब यह माना जा रहा है कि सुरेश पचौरी अब जल्द ही अपने समर्थकों को भी भाजपा की सदस्यता दिलाकर कांग्रेस को बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं।
पचौरी ने खड़गे को भेजा इस्तीफा
भाजपा की सदस्यता लेने से पहले सुरेश पचौरी ने कांग्रेस के राष्टÑीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अपना इस्तीफा भेजा। जिसमें उन्होंने लिखा कि मैंने अपने जीवन के 50 वर्ष कांग्रेस को दिए हैं। मैंने पार्टी और केंद्र सरकार में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। मैंने पूरी ईमानदारी और पूरी निष्ठा से पार्टी और सरकार की सेवा की है। आज पार्टी द्वारा सार्वजनिक और धार्मिक महत्व के मामलों में जिस तरह फैसले लिए जा रहे हैं, उससे मुझे बहुत दुख है। कांग्रेस उन सिद्धांतों से भटक गई है जिसके लिए वह जानी जाती थी। इसलिए वे कांग्रेस पार्टी के प्राथमिक सदस्यता इस्तीफा दे रहे हैं।
इधर जीतू बोले कांग्रेस ने पचौरी को सबकुछ दिया
सुरेश पचौरी को सब पदों पर जो पार्टी ने जो उसके पास थे वह सब कुछ दिया, लेकिन उनका व्यवहार और स्वभाव क्या रहा। प्रदेश की जनता देख रही है समझ भी रही है। मेरी सुरेश पचौरी को शुभकामनाएं हैं। भगवान करें वे भाजपा में भीड़ का हिस्सा न बनें, वहां पर उन्हें कुछ पद मिले।