लंदन। भारत की स्वदेशी कोरोना टीका कोवाक्सिन ले चुके लोगों के लिए ब्रिटेन ने बड़ी राहत दी है। आज से ब्रिटेन ने कोवाक्सिन लेने वाले लोगों को अपने यहां आने की मंजूरी दे दी है। ब्रिटेन भारत की कोवाक्सिन को अपनी स्वीकृत टीकों की लिस्ट में शामिल कर लिया है। 22 नवंबर से भारत बायोटेक-निर्मित टीका लगवाने वाले यात्रियों को अब ब्रिटेन में क्वारंटीन नहीं होना पड़ेगा। बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ की मंजूरी के बाद ब्रिटेन ने कोवाक्सिन को हरी झंड़ी देने की घोषणा की थी।
ब्रिटेन के इस फैसले से उन हजारों भारतीय यात्रियों को राहत मिलेगी, जो कोवाक्सिन ले चुके हैं और अनुमति मिलने का इंतजार कर रहे थे। ब्रिटेन सरकार ने कोवाक्सिन के साथ-साथ चीन की सिनोवैक और सिनोफार्म वैक्सीन को भी स्वीकृति वैक्सीन की लिस्ट में शामिल किया है।
कोवाक्सिन भारत में इस्तेममाल की जाने वाली दूसरी सबसे बड़ी वैक्सीन है। पहले यह टीका लगवा चुके यात्रियों को यूनाइटेड किंगडम जाने के बाद क्वारंटाइन में रहना पड़ता था, लेकिन 22 नवंबर सुबह चार बजे से नियम लागू हो गए और अब ऐसा नहीं होगा।
कोवाक्सिन का 77.8 प्रतिशत असर
बताते चले कि कोवाक्सिन लगाने वाले कोरोना मरीजों पर इसका असर अच्छा दिखा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, यह टीका कोरोना मरीजों पर 77.8 प्रतिशत प्रभाव दिखाया है। वायरस के नए डेल्टा स्वरूप के खिलाफ यह 65.2 प्रतिशत कारगर है। कंपनी ने जून में कहा था कि उसने तीसरे चरण के परीक्षणों से कोवाक्सिन के प्रभाव का अंतिम विश्लेषण किया है।