भोपाल
मध्य प्रदेश के ईको पर्यटन स्थलों पर भी शराब परोसी जाएगी। इसके लिए महज 50 हजार रुपये वार्षिक फीस पर शराब का लाइसेंस दिया जाएगा। यह लाइसेंस पर्यटकों के ठहरने के लिए बनाई गई अस्थाई संरचनाओं जैसे टेंट के लिए भी मिल सकेगा। सरकार का मानना है कि इससे इन स्थलों पर पर्यटकों की संख्या में तेजी से इजाफा होगा।
इतनी होगी वार्षिक फीस
इको पर्यटन बोर्ड के मध्य प्रदेश में 291 से अधिक ईको पर्यटन स्थल हैं। यहां कुछ स्थानों पर शराब की उपलब्धता कराई जाती है। शेष अन्य ईको पर्यटन स्थलों पर भी इसकी सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी। दरअसल, आबकारी विभाग ने एक नया पर्यटन बार लाइसेंस का प्रावधान किया हुआ है जिसमें ईको टूरिज्म बोर्ड की इकाइयों को मात्र 50 हजार रुपये वार्षिक फीस पर यह लाइसेंस प्रदान किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि ईको पर्यटन बोर्ड के अंतर्गत वन सर्किल क्षेत्रों में मनोरंजन क्षेत्र 127, वन्य प्राणी अनुभव क्षेत्र 14, बफर एरिया डेस्टिनेशन 33, संरक्षित एरिया डेस्टिनेशन 47, अन्य एरिया डेस्टिनेशन 49 तथा पीपीपी मोड वाला देवास का अर्निका इको पार्क शामिल है।
इको को पर्यटन स्थलों में मिट्टी के घरों का निर्माण
इको पर्यटन स्थलों पर मिट्टी के घरों का निर्माण कराया जा रहा है। यहां चूल्हे पर ही भोजन पकाया जाता है। पर्यटकों को जंगल की अनुभूमि कराने के उद्देश्य से यह प्रयोग किया जा रहा है। वहीं मकानों के निर्माण में बांस और घास का भी प्रयोग किया गया है।