पेरिस ओलंपिक: भारतीय पुरुष हॉकी टीम 27 जुलाई को न्यूजीलैंड से भिड़ेगी
राष्ट्रीय चैम्पियनशिप महत्वपूर्ण घरेलू टूर्नामेंट: हॉकी इंडिया अध्यक्ष दिलीप टिर्की
एआईएफएफ अध्यक्ष ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले पूर्व प्रमुख विधि सलाहकार को नोटिस भेजा
लुसाने
भारतीय पुरुष हॉकी टीम पेरिस ओलंपिक में अपने पहले मुकाबले में 27 जुलाई को न्यूजीलैंड से भिड़ेगी।
यहां पेरिस ओलंपिक की हॉकी स्पर्धा का कार्यक्रम जारी किया गया। तोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता भारत को पूल बी में रखा गया है। भारतीय टीम 27 जुलाई को न्यूजीलैंड से भिड़ने के बाद 29 जुलाई को अर्जेन्टीना, 30 जुलाई को आयरलैंड, एक अगस्त को बेल्जियम और दो अगस्त को ऑस्ट्रेलिया से भिड़ेगी।पूल ए में नीदरलैंड, स्पेन, जर्मनी, फ्रांस, ग्रेट ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका को जगह मिली है।क्वार्टर फाइनल चार अगस्त को जबकि सेमीफाइनल छह अगस्त को खेला जाएगा। कांस्य पदक का प्ले ऑफ और फाइनल आठ अगस्त को होगा।
कार्यक्रम की घोषणा के लिए आयोजित समारोह में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के प्रमुख थॉमस बाक और अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ के अध्यक्ष तैयब इकराम मौजूद थे।मुकाबले कोलोंबेस के युवेस-डु-मेनोइर स्टेडियम में खेले जाएंगे। बेल्जियम पुरुष वर्ग में गत चैंपियन है।
राष्ट्रीय चैम्पियनशिप महत्वपूर्ण घरेलू टूर्नामेंट: हॉकी इंडिया अध्यक्ष दिलीप टिर्की
नई दिल्ली
सभी की निगाहें आगामी 14वीं हॉकी इंडिया सीनियर महिला राष्ट्रीय चैंपियनशिप 2024 पुणे पर होंगी, जहां भारत के शीर्ष हॉकी खिलाड़ी और उभरते सितारे अपनी-अपनी राज्य टीमों का प्रतिनिधित्व करते हुए सम्मान के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे।
हॉकी इंडिया के चयनकर्ता आगामी राष्ट्रीय कोचिंग शिविर के लिए मुख्य संभावित खिलाड़ियों को चुनने के लिए यहां खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर करीब से नजर रखेंगे। अब ध्यान 2026 में एफआईएच महिला हॉकी विश्व कप की योग्यता को ध्यान में रखते हुए खिलाड़ियों का एक मजबूत पूल बनाने पर होगा।
हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की ने बुधवार को एक आधिकारिक बयान में कहा, हॉकी इंडिया सीनियर महिला राष्ट्रीय चैंपियनशिप एक बहुत ही महत्वपूर्ण घरेलू टूर्नामेंट है, जहां हमें विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से नई प्रतिभाएं उभरती हुई देखने को मिलेंगी। इस साल 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से हमारी भागीदारी होगी, जिसमें भारतीय टीम के सदस्य अपने संबंधित राज्यों का प्रतिनिधित्व करेंगे। हॉकी इंडिया के चयनकर्ता सभी खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर बारीकी से नजर रखेंगे और उनकी सिफारिश के आधार पर एक नए कोर ग्रुप का चयन किया जाएगा।''
उन्होंने आगे इस बात पर जोर दिया कि मौजूदा भारतीय टीम के खिलाड़ियों के लिए भी, 14वीं हॉकी इंडिया सीनियर महिला राष्ट्रीय चैम्पियनशिप 2024 में अच्छा प्रदर्शन कोर ग्रुप में अपनी जगह बनाए रखने के लिए जरूरी है।
उन्होंने कहा, कोई भी खिलाड़ी कोर ग्रुप में अपनी जगह पक्की नहीं कर सकता। हर किसी को जगह बनाने के लिए अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता से प्रदर्शन करना होगा। हमें अब 2026 में एफआईएच महिला विश्व कप के लिए क्वालीफिकेशन बनाने और लॉस एंजिल्स ओलंपिक की ओर बढ़ने पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। भारत में काफी प्रतिभा है, राष्ट्रीय चैंपियनशिप नई प्रतिभाओं की पहचान करने का एक महत्वपूर्ण मंच है और हमें उन्हें सामने लाने के लिए घरेलू ढांचे को और मजबूत करने की जरूरत है।''
हॉकी इंडिया के महासचिव भोला नाथ सिंह ने कहा, हम घरेलू कैलेंडर में कुछ नए टूर्नामेंट शुरू करने पर विचार कर रहे हैं, खासकर महिला हॉकी के विकास के लिए। हमारे पास पहले से ही एक पुनर्गठित राष्ट्रीय चैंपियनशिप है, लेकिन हम महिलाओं के लिए एक घरेलू लीग शुरू करने पर भी काम कर रहे हैं जो महत्वाकांक्षी खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने और राष्ट्रीय कार्यक्रम में अपनी जगह बनाने का अवसर दे सकती है। अब समय आ गया है कि पुनर्निर्माण किया जाए और भविष्य में निवेश पर ध्यान केंद्रित किया जाए।
एआईएफएफ अध्यक्ष ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले पूर्व प्रमुख विधि सलाहकार को नोटिस भेजा
नई दिल्ली
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के अध्यक्ष कल्याण चौबे ने संगठन के पूर्व प्रमुख विधि सलाहकार नीलांजन भट्टाचार्जी को अपने खिलाफ 'भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप' लगाने के लिए कानूनी नोटिस भेजा है।
भट्टाचार्जी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में दावा किया कि चौबे ने गैर-पारदर्शी निविदा प्रक्रिया के तहत भ्रष्टाचार किया। उन्होंने आरोप लगाया था कि चौबे ने 'महासंघ के कोष' का व्यक्तिगत इस्तेमाल किया।
चौबे ने पहले ही इन आरोपों को निराधार बताते हुए कहा था कि भट्टाचार्जी का मकसद उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना था।
चौबे ने सभी राज्य इकाइयों और कार्यकारी समिति के सदस्यों को संबोधित पत्र में कहा, ‘‘यह बिल्कुल साफ है कि उनका मकसद मेरी छवि और प्रतिष्ठा को धूमिल करना है। मैंने मानहानि और चरित्र हनन के प्रयासों के संबंध में उन्हें कानूनी नोटिस भेजा है। मैं इस मामले को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाऊंगा।''
उन्होंने कहा, ‘‘इस मामले में मैं व्यक्तिगत रूप से प्रतिक्रिया दे रहा हूं। मेरे खिलाफ लगाए गए आरोपों के माध्यम से हालांकि संस्था को कमजोर करने के प्रयासों के सामने एआईएफएफ की प्रतिष्ठा की रक्षा करना भी मेरा कर्तव्य है।''
चौबे का पत्र महत्वपूर्ण है क्योंकि एआईएफएफ 10 मार्च को अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में अपनी वार्षिक आम सभा (एजीएम) आयोजित करेगा।
चौबे पर आरोप लगाने के बाद भट्टाचार्जी की सेवा एआईएफएफ ने समाप्त कर दी थीं।
भट्टाचार्जी ने अपने पत्र में लिखा था, ‘‘चौबे ने अपने प्रभाव और दबाव का इस्तेमाल करते हुए आई-लीग (पिछला सत्र), आईडब्ल्यूएल, संतोष ट्रॉफी के प्रसारण जैसी कई निविदा एक ही कंपनी को आवंटित की दी। यह कंपनी मौजूदा अध्यक्ष के करीबी से जुड़ा हैं।''
इन आरोपों पर चौबे ने कहा, ‘‘भट्टाचार्जी निविदा चयन समिति का हिस्सा थे और उन्होंने एक बार भी निविदा चयन और इसे जारी करने पर सवाल नहीं उठाया।''
उन्होंने महासंघ के कोष के इस्तेमाल पर कहा, ‘‘एआईएफएफ के अध्यक्ष बिजनेस क्लास से यात्रा करने के हकदार हैं लेकिन मैंने लगभग हर बार इकोनॉमी क्लास से यात्रा की है। एआईएफएफ अध्यक्ष सुइट रूम में रहने के हकदार हैं, लेकिन लगभग हर बार मैं सामान्य कमरों में रुका हूं। एआईएफएफ अध्यक्ष यात्रा/बैठक के दौरान प्रति दिन 10,000/- रुपये प्राप्त करने के हकदार हैं। इस मामले में आज तक मैंने कभी भी एक रुपया भी नहीं लिया है।''