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नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार, कक्षा 1 में एडमिशन के लिए बच्चे की उम्र 6 साल होना अनिवार्य

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नईदिल्ली  
अगर आप इस साल या आने वाले सालों में अपने बच्चे का कक्षा 1 में एडमिशन करा रहे हैं तो यह ध्यान रखें कि बच्चे की उम्र 6 या उससे ज्यादा ही होनी चाहिए. नई शिक्षा नीति के नियमों के अनुसार, 2023 में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इस संबंध में एक नोटिस तैयार कर राज्यों को भेजा था. अब उन्हीं निर्देशों को रिपीट कर फिर से भेजा गया है.

शिक्षा मंत्री ने जारी किया पत्र

पहली कक्षा में दाख‍िला लेने के लिए बच्चे की उम्र जुलाई माह में छह साल पूरी होनी चाहिए. छह साल का मतलब साढ़े पांच साल, सवा पांच साल नहीं है. सिक्स प्लस का मतलब है कि छह साल या उससे ज्यादा की उम्र के बच्चे का दाख‍िला पहली कक्षा में हो. दशिक्षा मंत्रालय ने 15 फरवरी, 2024 को एक पत्र जारी किया था. इसमें स्पष्ट लिखा है कि शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए जल्द ही एडमिशन प्रोसेस शुरू होने वाला है. ऐसे में उम्मीद की जाती है कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अब ग्रेड वन में एडमिशन के लिए बच्चे की एज लिमिट 6 ईयर्स प्लस कर दी गई होगी. एजुकेशन मिनिस्ट्री ने अपने X हैंडल पर भी इसकी जानकारी दी है. NEP 2020 और बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE Act 2009) के तहत यह फैसला लिया गया है.

क्या है नई शिक्षा नीति

नई शिक्षा नीति में 10+2 के फॉर्मेट को पूरी तरह खत्म करके 5+3+3+4 फॉर्मेट में ढाला जाएगा. इसका मतलब है कि अब स्कूल के पहले पांच साल में प्री-प्राइमरी स्कूल के तीन साल और कक्षा 1 और कक्षा 2 सहित फाउंडेशन स्टेज शामिल होंगे. फिर अगले तीन साल को कक्षा 3 से 5 की तैयारी के चरण में विभाजित किया जाएगा. इसके बाद में तीन साल मध्य चरण (कक्षा 6 से 8) और माध्यमिक अवस्था के चार वर्ष (कक्षा 9 से 12). इसके अलावा स्कूलों में कला, वाणिज्य, विज्ञान स्ट्रीम का कोई कठोर पालन नहीं होगा, छात्र अब जो भी पाठ्यक्रम चाहें, वो ले सकते हैं.

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