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साक्षरता के लिए अक्षरों की आकृतियों को ध्वनि से जोड़कर अर्थपूर्ण सामग्री तैयार कर समझ बढ़ा सकते है

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रायपुर

उल्लास-नव भारत साक्षरता कार्यक्रम' के दूसरे दिन के सत्र का शुभारंभ करते हुए एनसीईआरटी की प्रोफेसर उषा शर्मा ने प्रशिक्षणार्थियों से कहा कि शिक्षार्थियों को सीखने के लिए अक्षरों की आकृतियों को ध्वनि से जोड़कर अर्थपूर्ण सामग्री बनाकर उनके अंदर समझ बना सकते हैं, साथ ही बुनियादी संख्या ज्ञान, आंकड़ों का गणितीय ज्ञान जिसके तहत बच्चों व बड़ों के पेडोगोजी में अंतर को ध्यान में रखते हुए शिक्षार्थियों को साक्षर करना है। उन्होंने कहा कि शिक्षार्थियों को पढने व लिखने तक पहुंचने के लिए सुनना व बोलना बहुत जरूरी होता है।

उल्लास कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए जिला अधिकारियों एवं स्रोत व्यक्तियों के तीन दिवसीय राज्य स्तरीय उल्लास प्रशिक्षण, राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् (एससीईआरटी) में किया जा रहा है। यहां जिला अधिकारी व स्रोत व्यक्तियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रोफेसर उषा शर्मा ने कहा कि उल्लास कार्यक्रम में अंक एवं गणितीय ज्ञान पर ज्यादा फोकस किया गया है। इसमें पोस्टर दिखाकर शिक्षार्थियों को मात्रा एवं बिना मात्रा वाले शब्दों की पहचान कराना है। उन्होंने अंक गणितीय ज्ञान को बहुत ही सरल तरीके से छोटे छोटे अंकों का ज्ञान कराने के लिए अनेक उदाहरण देकर शिक्षार्थियों को सिखाने की प्रक्रिया से रूबरू कराया। प्रोफेसर शर्मा ने बताया कि यूजीसी ने इसके लिए चार बिंदु तय किये हैं, जिसके तहत यूजीसी ने यूनिवर्सिटी में कालेज के लिए चार छात्र तथा शिक्षक शिक्षा के विद्यार्थियों के लिए 2 कैडेट लिए हैं। उन्होंने कहा कि हम जैसा समाज चाहते हैं, हमें वैसा काम करना है।

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