नई दिल्ली। दिवाली के बाद पूरे राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में शुक्रवार सुबह हवा का स्तर गंभीर श्रेणी में पहुंच गया। दिल्ली सरकार द्वारा पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध के बावजूद दिवाली पर जमकर आतिशबाजी हुई। लोगों को गलियों में छत पर पटाखे चलाते देखा गया। पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के कारण बहुत खराब स्तर में चल रही दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद का वायु गुणवत्ता सूचकांक हवा दिवाली में पटाखे चलने के बाद गंभीर श्रेणी में पहुंच गया।
दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दिवाली पर खूब पटाखे जलाए जाने के बाद शुक्रवार को सुबह घने कोहरे की मोटी परत छायी रही जिसके कारण कई हिस्सों में निवासियों को गले में जलन और आंखों में पानी आने की दिक्कतों से जूझना पड़ा। प्राधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को पराली जलाए जाने से उठने वाले धुएं के कारण हालात और बिगड़ सकते हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले महीन कण यानी पीएम2.5 की 24 घंटे की औसत सांद्रता बढ़कर शुक्रवार को सुबह नौ बजे 410 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हो गयी जो 60 माइकोग्राम प्रति घन मीटर की सुरक्षित दर से करीब सात गुना अधिक है। बृहस्पतिवार शाम छह बजे इसकी औसत सांद्रता 243 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर थी।
पीएम10 का स्तर शुक्रवार को सुबह करीब पांच बजे 500 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के आंकड़ें को पार कर गया और सुबह नौ बजे यह 511 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था।
ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (जीआरएपी) के अनुसार, अगर पीएम2.5 और पीएम10 का स्तर 48 घंटों या उससे अधिक समय तक क्रमश: 300 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और 500 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक रहता है तो वायु गुणवत्ता ‘आपात’ श्रेणी में मानी जाती है।
दिल्ली में कम तापमान और सुबह कोहरा छाए रहने से प्रदूषक तत्वों के एकत्रित होने के कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सुबह आठ बजे बढ़कर 451 (गंभीर श्रेणी) दर्ज किया गया।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के वरिष्ठ वैज्ञानिक आर के जीनामणि ने कहा, ‘दिल्ली-एनसीआर में शुक्रवार को सुबह घना कोहरा छाने के कारण इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और सफदरजंग हवाई अड्डे पर सुबह साढ़े पांच बजे दृश्यता कम होकर 200 से 500 मीटर के दायरे तक रह गयी। शहर के कई हिस्सों में दृश्यता कम होकर 200 मीटर तक रह गयी।’
दिल्ली में 33 वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्रों में से 33 ने एक्यूआई गंभीर श्रेणी में दर्ज किया। दिल्ली की वायु गुणवत्ता बृहस्पतिवार रात को गंभीर श्रेणी में पहुंच गयी क्योंकि लोगों ने सरकार के प्रतिबंधों का घोर उल्लंघन करते हुए दिवाली पर जमकर पटाखे जलाए।
पड़ोसी शहरों फरीदाबाद (454), ग्रेटर नोएडा (410), गाजियाबाद (438), गुरुग्राम (473) और नोएडा (456) में वायु गुणवत्ता शुक्रवार को सुबह गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई।
उल्लेखनीय है कि शून्य से 50 के बीच के एक्यूआई को अच्छा, 51 से 100 को संतोषजनक, 101 से 200 के बीच को मध्यम, 201 से 300 के बीच को खराब, 301 से 400 के बीच को बहुत खराब और 401 से 500 के बीच को गंभीर श्रेणी में माना जाता है।
लोगों हो रही गले और आंख में जलन
राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों और उसके उपनगरों में लोगों ने सुबह सिर में दर्द, गले में जलन और आंखों में पानी आने की शिकायतें की। चिंतित नागरिकों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर आतिशबाजी की तस्वीरें और वीडियो साझा किए और पटाखों पर प्रतिबंध को ‘मजाक’ बताया।
ट्विटर पर एक उपयोगकर्ता ने लिखा, ‘‘दिल्ली को कायदे से कल सुबह बंद रहना चाहिए और सरकार का पटाखों पर प्रतिबंध इस साल का सबसे बड़ा मजाक साबित हुआ है। किसी को परवाह नहीं है, इस बीच मेरे परिवार के ज्यादातर लोगों को गंभीर सूखी खांसी या सिर में दर्द है। दिल्ली का एक्यूआई 700 के पार है और रात अभी शुरू भी नहीं हुई है।’’
दिल्ली में कई लोगों ने बृहस्पतिवार की रात को खूब पटाखे जलाए जाने की शिकायत की जबकि पटाखे जलाने पर एक जनवरी 2022 तक पूर्ण प्रतिबंध है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के शहरों नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम में देर रात तक आतिशबाजी होती रही।
14 जिलों में रोक के बावजूद खूब जले पटाखे
हरियाणा सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अपने 14 जिलों में सभी तरह के पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल रोक लगायी हुई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने मध्यम या बेहतर वायु गुणवत्ता वाले इलाकों में दो घंटों के लिए दिवाली पर हरित पटाखों के इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। विशेषज्ञों ने बताया कि हवा न चलने, कम तापमान और पटाखों से होने वाले जहरीले उत्सर्जन, पराली जलाने और स्थानीय स्रोतों के कारण वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच गयी।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एजेंसी ‘सफर’ ने बताया कि दिल्ली में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण का हिस्सा बढ़कर बृहस्पतिवार को 25 प्रतिशत पर पहुंच गया और इसके शुक्रवार तक 35 प्रतिशत तथा शनिवार तक 40 प्रतिशत पर पहुंचने की संभावना है।
रविवार सुबह के बाद सुधरेंगे हालात
केंद्र सरकार के सफर के मुताबिक, वायु गुणवत्ता रविवार सुबह (सात नवंबर) तक नहीं सुधरेगी। तब भी गुणवत्ता में सुधार होकर स्तर बहुत खराब स्तर में पहुंचेगा। पूरी दिल्ली का एक्यूआई बहुत खराब श्रेणी के ऊपरी स्तर पर रहा और लगातार बिगड़ रहा है, जिससे यह बहुत खराब से गंभीर श्रेणी में जा सकता है। रात सात नवंबर की सुबह मिलेगी और उसमें भी एक्यूआई बहुत खराब स्तर पर पहुंचेगा।
गाजियाबाद में देर रात तक चलते रहे पटाखे
गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक रात 12 बजे 441 पहुंच गया। छोटी दिवाली पर बुधवार रात भी जमकर पटाखे फोड़े गए। बुधवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 353 था। गुरुवार रात शहर में हुई जबरदस्त आतिशबाजी के बाद एक्यूआई में 88 पॉइंट का उछाल आया और गाजियाबाद डार्क रेड जोन में चला गया। सड़कों पर लाइट जलने के बाद भी धुआं भरने से वाहनों को फॉग लाइट का सहारा लेना पड़ा। रोशनी में भी दृश्यता कम रही।
प्रतिबंध के बाद भी हुई आतिशबाजी
जिले में हवा की सेहत खराब होने की वजह से सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेश के बाद पटाखों की बिक्री और पटाखों को फोड़ने जलाने पर रोक लगी हुई है। बावजूद इसके खूब पटाखे बिके और फूटे भी। चारों तरफ पटाखे का धुआं भर गया। सवाल उठता है कि प्रतिबंध के बाद कहां से आया पटाखा। पटाखों पर बैन के आदेश के बाद भी पुलिस प्रशासन की ओर से कोई रोकटोक नहीं की गई। रातभर तेज आवाज वाले पटाखे दगते रहे।
इन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा हुई आतिशबाजी
लाइनपार क्षेत्र विजय नगर, खोड़ा, नंदग्राम, तुराबनगर, लालकुआं, संजय नगर, चौक क्षेत्र, साहिबाबाद, शालीमार, लोनी।
देश मे दूसरे स्थान पर गाजियाबाद
दीपावली की रात वायु प्रदूषण के मामले में गाजियाबाद देश मे दूसरे नंबर पर रहा। यहां एक्यूआई 441 रहा। पहले नंबर पर जींद रहा।