Home धर्म नवरात नवदिन माई, दशम दिन विदाई, विसर्जन माँ चली

नवरात नवदिन माई, दशम दिन विदाई, विसर्जन माँ चली

150
0

ढोल ताशे नगाड़े और डीजे के साथ धूमधाम से हुआ विसर्जन
खरसिया।
नवरात्रों में पूरे उत्साह और विधि-विधान से श्रद्धालुओं ने मातारानी की पूजा की। दशमी एवं एकादशी के दिन धूमधाम से माता की विदाई की गई। वहीं विसर्जन के लिए निकली शोभायात्रा में गूंज रहे विदाई गीत हर श्रद्धालु की आंखों को नम कर रहे थे।
पूजा के 9 दिनों में ऐसा कोई भी दिन नहीं रहा जब माता रानी के दरबार में भंडारे ना लगे हों। लगभग सभी भवनों में कहीं सुबह तो कहीं शाम भंडारे प्रसाद का आयोजन भक्तों को तृप्त करता रहा। पूरे विधि-विधान और धूमधाम से माता रानी की आराधना की गई। वहीं अष्टमी को हवन अनुष्ठान किया गया तथा दशमी तथा एकादशी तिथि को सुबह से लेकर देर शाम तक क्रमवार लगभग सभी पंडालों से विसर्जन के लिए माता रानी की झांकी निकल पड़ी।
इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु साथ रहे। कोई बैंड बाजे की धुन पर माता रानी को ले चला, कोई लोकनृत्य और पारंपरिक लोक-वाद्यों की खनक के साथ, तो कहीं ओडिशा के ढोल नगाड़ों के साथ श्रद्धालुओं का समूह साथ चलता रहा। हर शोभायात्रा के साथ डीजे पर गूंज रहे माता के विदाई गीतों ने श्रद्धालुओं को उदास कर दिया, ऐसे में अगले बरस जल्द लौटाने की कामना के साथ माता रानी को विसर्जन हेतु ले चले। तमाम रास्ते युवक झूमते नाचते गाते रहे, तो युवतियों ने गरबा करते हुए मातारानी को रिझाया। वहीं व्यवस्थापक गण तमाम रास्ते माता के भक्तों को प्रसाद बांटते चले।