रायपुर। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने मुख्यमंत्री से राज्य के हरुना धान की फसल उगाने वाले किसानों को प्रति एकड़ 50 हजार रुपए मुआवज़ा देने की मांग की है। अमित जोगी ने भूपेश बघेल को पात्र लिखकर कहा, बस्तर, धमतरी और राजनांदगांव समेत सिंचाई से वंचित छत्तीसगढ़ के लाखों किसानों की ओर से हरुना धान बोया जाता है। जुलाई (बोआई की अवधि) में अल्प-वर्षा और सितम्बर के अंत (फसल पकने की अवधि) में भारी वर्षा के कारण लगभग 70-75% हरुना धान की फसल पूरी तरह नष्ट हो चुकी है। अधिकांश किसानों का सरकार द्वारा फसल बीमा नहीं किया गया है।
अमित ने कहा कि उपरोक्त 3 तथ्यों के परिणामस्वरूप हरुना धान के कृषकों का इस वर्ष भारी नुक़सान हुआ है। अतः उन्होंने छत्तीसगढ़ के सभी हरुना धान के किसानों को 1 नवम्बर 2021 से पूर्व कम से कम ₹50000 प्रति एकड़ मुआवज़ा राशि देने की माँग की है ताकि उन्हें दहशत में दशहरा और दिवाला में दिवाली मनाने के लिए विवश नहीं होना पड़े।
अमित ने मुख्यमंत्री को कहा है अगर उनकी सरकार के पास छत्तीसगढ़ के हरुना धान के किसानों की क्षतिपूर्ति के लिए पर्याप्त आर्थिक संसाधन उपलब्ध नहीं है, तो वे केंद्र सरकार अथवा किसी भी बैंक से भी उपरोक्त तथ्यों के आधार पर अनुदान अथवा क़र्ज़ा माँग सकते हैं। अमित ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि इसमें प्रदेश के सभी राजनीतिक दल, कृषक और सामाजिक संगठन सरकार का समर्थन करेंगे। अमित ने अपने इस पत्र की प्रति केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक को भी भेजी है।