रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब सरकार की छवि बनाने वाला विभाग ही आंदोलन पर उतर गया हो। राज्य में जनसम्पर्क विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मंगलवार को सामूहिक अवकाश पर हैं। इसलिए विभाग में सरकारी काम-काज भी ठप हो गया है। राज्य में जनसम्पर्क अधिकारी संघ की मांग है कि राज्य प्रशासनिक सेवा के कनिष्ठ अधिकारी को संचालक पद पर पदस्थ किया गया है, उन्हें इस पद से तत्काल हटाया जाए।
वहीं छत्तीसगढ़ प्रदेश राजपत्रित अधिकारी संघ के अध्यक्ष कमल वर्मा ने प्रदेश के सभी जिला अध्यक्षों को अपील जारी करते हुए जनसम्पर्क अधिकारी संघ की मांगों का पुरजोर समर्थन और सहयोग करने को कहा है। जनसम्पर्क अधिकारी संघ ने यह स्पष्ट किया है कि सांकेतिक कलमबंद के बाद भी मांगें पूरी नहीं होती तो, अधिकारी-कर्मचारी काली पट्टी लगाकर ही काम करेंगे और मांगे शीघ्र पूरी नहीं होने पर इस आन्दोलन को तेज किया जाएगा। छत्तीसगढ़ प्रदेश राजपत्रित अधिकारी संघ ने भी जनसम्पर्क अधिकारी संघ की इन मांगों का पुरजोर समर्थन करते हुए प्रदेशव्यापी उग्र आंदोलन करने की बात भी कही है।
क्या है नियम :
उल्लेखनीय है कि आयुक्त जनसम्पर्क दीपांशु काबरा से सोमवार को छत्तीसगढ़ जनसम्पर्क अधिकारी संघ के सभी पदाधिकारियेां और सदस्यों के साथ सार्थक और सकारात्मक चर्चा हुई। चर्चा के दौरान आयुक्त जनसम्पर्क को अधिकारियों ने अवगत कराया गया कि संचालक के पद पर अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी को पदस्थ किए जाने का शासन का नियम है। अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी की पदस्थापना नहीं होने की दशा में विभागीय वरिष्ठ अधिकारी को संचालक के पद पर पदस्थ किया जा सकता है, किन्तु किसी भी स्थिति में राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को पदस्थ नहीं किया जा सकता।
पदस्थापना नियम विरूद्ध :
संघ ने यह भी अवगत कराया कि छत्तीसगढ़ संवाद में मंत्रिमंडल के फैसले के अनुरूप प्रतिनियुक्ति पर विभागीय अधिकारी ही पदस्थ किए जाते रहे हैं। इन पदों पर वर्तमान में राज्य प्रशासनिक सेवा और अन्य संवर्ग के अधिकारी की पदस्थापना नियम विरूद्ध की गई है। संघ ने इन प्राथमिक विषयों पर चर्चा करने के साथ विभागीय 12 बिन्दुओं की मांगों पर भी चर्चा की। आयुक्त जनसम्पर्क ने संघ की सभी मांगों को जायज निरूपित करते हुए यह ठोस आश्वासन दिया कि जो भी बिन्दु छत्तीसगढ़ जनसंपर्क अधिकारी संघ के द्वारा अवगत कराए गए हैं, उन्हें शासन को अवगत कराते हुए इस दिशा में त्वरित कार्यवाही कराने की हर संभव पहल की जाएगी।
एक दिन का सांकेतिक कलम बंद :
आयुक्त जनसंपर्क के द्वारा दिए गए इस आश्वासन के बाद उन्हें छत्तीसगढ़ जनसंपर्क अधिकारी संघ और छत्तीसगढ़ प्रदेश राजपत्रित अधिकारी संघ की मंशा से अवगत कराया गया और उनकी सकारात्मक पहल पर यह तय किया गया कि अब अनिश्चितकालीन कलम बंद हड़ताल की बजाए 12 अक्टूबर को एक दिन का सांकेतिक कलम बंद किया जाएगा और एक निश्चित समयावधि या अंतराल के पश्चात् मांगे पूरी नहीं होने की दशा में राजपत्रित अधिकारी संघ के साथ इस आंदोलन को तेज किया जाएगा।