इंदौर
इस बार माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षा के साथ ही कापियों का मूल्यांकन कार्य भी शुरू हो चुका है। पहले चरण में 90 हजार कापियां जांची जाना है। मूल्यांकन के लिए जिले से 800 से अधिक शिक्षकों ने मूल्यांकन कार्यकर्ता के रूप में रजिस्ट्रेशन कराया था। लेकिन 10 फीसदी मूल्यांकनकर्ता भी कापी जांचने के लिए नहीं पहुंच रहे है। नतीजा यह निकला कि 22 फरवरी को शुरू हुए मूल्यांकन में अब तक सिर्फ 6 हजार कापियां ही चेक हो पाई है।
मालव कन्या उमावि को जिला मूल्यांकन केंद्र बनाया गया है। मूल्यांकन के लिए करीब 800 शिक्षकों को मूल्यांकनकर्ता बनाया गया है। लेकिन मूल्यांकन के लिए पहले दिन 60 मूल्यांकनकर्ता ही कापियां जांच करने के लिए पहुंचे। दूसरे दिन भी मूल्यांकनकर्ताओं में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई। जिस हिसाब से कापियां जांची जा रही है, उससे मूल्यांकन कार्य देरी से पूरा होगा। मूल्यांकन प्रभारी बबीता हायरण ने बताया कि विषयवार कापियां चेक की जा रही है।
पहले दिन कापियों की संख्या काफी कम थी, इसलिए 60 मूल्यांकनकर्ताओं को ही बुलाया गया था। अन्य विषयाें की कापियों के बंडल खुलते ही मूल्यांकनकर्ताओं की संख्या बढ़ा दी जाएगी। जो मूल्यांंकनकर्ता जानबूझकर नहीं आ रहे है, उन्हें नोटिस जारी किया जाएगा। मूल्यांकन के दौरान मूल्याकंनकर्ताओं के मोबाइल अलग रखवा लिए जाते है। हर एक कक्ष की सतत निगरानी की जा रही है। सुरक्षा के लिहाज से पुलिसकर्मी भी तैनात है।
4 मार्च के बाद बढ़ेंगे मूल्यांकनकर्ता
अफसरों के अनुसार जब तक बोर्ड परीक्षाएं चलेेगी, तब तक दोपहर 2 से शाम 6 बजे तक मूल्यांकन होगा। परीक्षा खत्म होने पर सुबह 10 से शाम 6 बजे तक मूल्यांकन कार्य होेगा। हर एक मूल्यांकनकर्ता को प्रतिदिन अधिकतम 45 कापियां जांचना होगी। मूल्यांकन कर्ताओं को कापी जांचने के बदले में 10वीं की प्रति कापी के लिए 15 रुपए और 12वींं में 16 रुपये मिलेंगे।