Home छत्तीसगढ़ Jagdalpur: शहीद जवान का शव पहुंचा मेकाज, बीजापुर में दी जाएगी श्रद्धांजलि

Jagdalpur: शहीद जवान का शव पहुंचा मेकाज, बीजापुर में दी जाएगी श्रद्धांजलि

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बीजापुर.

बीजापुर जिले के थाना मिरतुर में रविवार की सुबह नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट कर सीएएफ के एक जवान को निशाना बनाया। इस घटना के बाद जवानों के द्वारा इलाके में सर्चिंग अभियान तेज कर दिया गया। वहीं रविवार की देर रात शहीद जवान का शव एम्बामिंग के लिए मेकाज लाया गया। जहां एम्बामिंग के बाद शव को वापस बीजापुर ले जाया गया है। जहां सोमवार को शहीद जवान को श्रद्धांजलि देने के बाद गृहग्राम के लिए रवाना किया जाएगा।

बताया जा रहा है कि नक्सलियों द्वारा लगाए गए प्रेशर आईईडी की चपेट में आने से रविवार को सीएएफ के प्रधान आरक्षक शहीद हो गए। यह घटना मिरतुर थाना क्षेत्र के बेचापाल पदम पारा के उस समय घटित हुई, जब जवानों की एक टीम सर्चिंग के लिए निकली हुई थी। इस घटना में जवान मौके पर ही शहीद हो गए। पुलिस ने बताया कि रविवार को मिरतुर थाना क्षेत्र के छसबल कैम्प बेचापाल से सुरक्षा पार्टी गांडोकलपारा से कुतुलपारा की ओर एरिया डॉमिनेशन पर निकली थी, इसी बीच बेचापाल पदमपारा के पास नक्सलियों के द्वारा लगाये गये प्रेशर आईईडी के ब्लास्ट होने से बेचापाल कैम्प में पदस्थ प्रधान आरक्षक राम आशीष यादव पिता श्याम राज यादव ग्राम पोस्ट असनवार थाना गड़वार जिला बलिया उत्तरप्रदेश शहीद हो गए।
घटना के बाद जवान के शव को एम्बुलेंस के माध्यम से जगदलपुर के मेडिकल कॉलेज लाया गया, जहां से देर रात एम्बामिंग के बाद शव को वापस उसी एम्बुलेंस के माध्यम से बीजापुर ले जाया गया है। सोमवार को शहीद जवान को श्रद्धांजलि देने के बाद गृहग्राम उत्तर प्रदेश के लिए रवाना किया जाएगा।

क्या है एम्बामिंग
जब किसी की मौत हो जाए और किन्हीं कारणों के चलते उसकी डेड बॉडी को लंबे समय तक रखा जाना हो, तो शव को सड़ने से बचाने के लिए इस लेप को शरीर पर लगाया जाता है। साथ ही इसे इसलिए लगाया जाता है जिससे डेड बॉडी में से बदबू न आए, कोई किसी तरह का इंफेक्शन न आए और उसे एक जगह से दूसरी जगह तक ले जाया जा सके। इस लेप को एम्बामिंग फल्यूड (Embalming fluid) कहा जाता है। एम्बामिंग फल्यूड (Embalming fluid) को कई तरह के केमिकल्स और डिसइंफेक्टेंट को मिलाकर बनाया जाता है। इसे न सिर्फ शव पर लगाया जाता है ब्लकि इंजेक्ट भी किया जाता है। इस पूरे घोल को शरीर पर लगाया जाता है, जिससे शव को सड़ने से बचाया जा सकता है। क्योंकि शव से बैक्टीरिया का संक्रमण होता है, जिस वजह से उसमें से बदबू आने लगती है। शरीर में से बैक्टीरिया निकलते हैं, जो दूसरे लोगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

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