राज्य चाहें तो 2 दिन में टीकाकरण का आंकड़ा हो सकता है 100 करोड़ के पार
नई दिल्ली। देश में कोरोना वैक्सीन की किल्लत अब पूरी तरह से खत्म हो चुकी है। नौ महीने के बाद टीके की इतनी खुराकें हैं कि यदि राज्य चाहें तो दो दिन में ही कुल टीकाकरण 100 करोड़ के पार पहुंच सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों के पास आठ करोड़ से ज्यादा खुराक पहुंच चुकी हैं। इतनी खुराक होने के बाद भी पिछले 12 दिन से रोजाना टीकाकरण की संख्या एक करोड़ के पार नहीं पहुंच पाया है। ऐसे में अब वैक्सीन के ‘ओवर स्टॉक’ की चिंता होने लगी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि राज्यों के पास वैक्सीन का अभी 8.28 करोड़ से अधिक का भंडार है। 16 जनवरी से टीकाकरण कार्यक्रम शुरू होने के बाद पहली बार इतना स्टॉक है। वैक्सीन आपूर्ति को लेकर केंद्र सरकार लगातार इस बात का दावा कर रही थी कि सितंबर-अक्तूबर तक वैक्सीन का पर्याप्त भंडार होगा। उन्होंने कहा कि देश में अब क्षमता से अधिक टीके हैं। अब तक एक दिन में अधिकतम 2.50 करोड़ वैक्सीन का रिकॉर्ड और इसकी तुलना में भंडारण चार गुना अधिक है। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर को ढाई करोड़ टीके लगे थे, जिसके बाद अब तक दैनिक टीकाकरण में 50 फीसदी से भी ज्यादा की गिरावट है। टीके के ओवर स्टॉक को लेकर सभी राज्यों को टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने को कहा गया है। मंत्रालय ने अगले 15 दिन में वैक्सीन की और भी खेप भेजने की जानकारी दी है।
एक पखवाड़े में दोगुना हुआ भंडार
स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक राज्यों के पास वैक्सीन का भंडार 15 दिन में बढ़कर दोगुना हो गया है। रिपोर्ट के मुताबिक 24 सितंबर तक राज्यों के पास 4.24 करोड़ खुराक मौजूद थीं, लेकिन अब यह संख्या दोगुना से भी अधिक हो चुकी है। इसके पीछे पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट का योगदान है। सीरम अब एक महीने में 20 करोड़ से भी अधिक कोविशील्ड की आपूर्ति कर रही है, जो दो महीने पहले तक आठ- नौ करोड़ थी। हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने भी कोवाक्सिन की आपूर्ति बढ़ाई है।
सिरिंज की कमी से भी कम टीकाकरण
मंत्रालय से जानकारी मिली है कि कम टीकाकरण की एक वजह सिरिंज की कमी भी है। वैक्सीन तो पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, लेकिन सिरिंज का उत्पादन कम हुआ है। हिंदुस्तान सिरिंज के एमडी राजीव नाथ का कहना है कि समय रहते ऑर्डर न मिलने से इसकी कमी हुई है। उन्होंने कहा कि हमारे पास वैक्सीन की गोली तो है, लेकिन उसे फायर करने के लिए गन नहीं हैं।
खास बातें
अक्तूबर के पहले हफ्ते में वैक्सीन का भंडार सात करोड़ से अधिक था, लेकिन टीकाकरण 4.15 करोड़
सितंबर के पहले सात दिन में वैक्सीन का भंडार तीन करोड़ के पार, लेकिन टीकाकरण 5.34 करोड़
अब जबकि भंडार दोगुना बढ़ा है, तो टीकाकरण में 22 फीसदी की कमी आई है
40 लाख स्पूतनिक व 10 लाख कोवाक्सिन के निर्यात को मंजूरी
देश में वैक्सीन के ज्यादा स्टॉक के बाद सरकार ने अब इसके निर्यात की मंजूरी दे दी है। वैक्सीन मैत्री अभियान के तहत रविवार को 10 लाख कोवाक्सिन की खुराक ईरान भेज दी गई है। वहीं 40 लाख स्पूतनिक लाइट (एकल खुराक वाली वैक्सीन) को रूस भेजने की मंजूरी दे दी है। दूसरी लहर के दौरान सरकार ने वैक्सीन की कमी और देश की जरूरतों को प्राथमिकता देने के लिए मैत्री कार्यक्रम पर रोक लगा दी थी। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार भारत में स्पूतनिक लाइट वैक्सीन को अब तक आपात इस्तेमाल की अनुमति नहीं मिली है। इस वैक्सीन को भारत में हेटेरो फॉर्मा कंपनी बना रही है।