Home मध्यप्रदेश मध्यान्ह भोजन पकाने वाले रसोइया रैगुलर पद की मांग को लेकर फिर...

मध्यान्ह भोजन पकाने वाले रसोइया रैगुलर पद की मांग को लेकर फिर कर रहे जन आंदोलन का रुख

9
0

रसोईयों की ब्लाकवार चिंतन सभा बीजाडांडी से हुई शुरू

मंडला
सरकारी स्कूलों में मध्यान्ह भोजन पकाने वाले रसोइयों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर फिर से जन आंदोलन छेड़ने का रुख जाहिर कर दिया है।इसी तारतम्य में शनिवार 24 फरवरी को बीजाडांडी के मंगल भवन में चिन्तन सभा रखकर आंदोलन की रणनीति पर विचार मंथन किया गया है।

जारी विज्ञप्ति में रसोईया उत्थान संघ समिति मध्यप्रदेश के संस्थापक पी डी खैरवार ने जानकारी दी है,कि एम डी एम पकाने वाले रसोइयों की आवश्यक सभा बीजाडांडी में 24 फरवरी को संपन्न हुई है। जिसमें बीजाडांडी ब्लाक के अंतर्गत आने वाले सरकारी स्कूलों में मध्यान्ह भोजन पकाने का काम करने वाले सैकड़ों रसोईयों ने भाग लिया।जिले के सभी ब्लाक मुख्यालयों में इसी तरह चिंतन सभा रखने का निर्णय सामूहिक रूप से लिया गया है।साथ ही यह भी निर्णय लिया गया है,कि लोकसभा चुनाव के लिए लागू होने वाली आचार संहिता के पहले जिला मुख्यालय में भारी संख्याबल के साथ जन आंदोलन चलाए जाने का निर्णय भी लिया गया है।जिसकी रूपरेखा ब्लाक स्तर पर लगने वाली सभाओं में तैयार की जाएगी‌। रसोईयों ने एक स्वर में बताया है,कि उनकी मुख्य मांगों का निराकरण किये जाने में सरकार आनाकानी कर रही है।कम से कम कलेक्टर दर पर मजदूरी के साथ किसी भी परिस्थिति में काम से अलग नहीं किये जाने की मांग करते आ रहे थे पर सरकार ने जायज मांगों को नजरंदाज करते हुए पूर्व से मिलते आ रहे मानदेय का सिर्फ दोगुना कर पल्ला झाड़ लिया है। जिससे प्रदेश के लगभग चार लाख रसोईयों के परिवारों का शोषण होना बंद नहीं हो रहा है।

साल के सिर्फ दस महीने वह भी महीने के चार हजार मानदेय से परिवार का तो क्या खुद का खर्चा नहीं चल पाता है‌‌।एक शाला एक परिसर,स्कूल मर्ज आदि नीति लाकर वर्षों से काम करते आ रहे रसोईयों को काम से अलग करने का सिलसिला षड्यंत्र पूर्वक सरकार जारी रखी हुई है। मानदेय इतना कम होने के बाद भी भुगतान समय पर नहीं करते हुए चार-पांच महीने में एक बार भुगतान किया जाता है।जिससे परिवार के ऊपर संकट हमेशा छाया रहता है।इन सभी गंभीर समस्याओं से जूझ रहे रसोईया अब परिणाम मूलक आंदोलन के लिए मजबूर हो रहे हैं। रसोईयों की मुख्य मांग सम्मानजनक बारहमासी मानदेय पर नियमित रोजगार से लगाये रखना है।जिसको सरकार जल्द पूरी करे।इस चिंतन सभा का नेतृत्व कुंवर सिंह मरकाम और जयंती अहिरवार ने किया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here