Home राजनीति लोकसभा चुनाव : टीएमसी के अधिकांश नेता सलाखों के पीछे हैं, संदेशखाली...

लोकसभा चुनाव : टीएमसी के अधिकांश नेता सलाखों के पीछे हैं, संदेशखाली के बाद दक्षिण बंगाल में ढह रहा ममता का किला?

11
0

कोलकाता
लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा है। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार के कई वरिष्ठ मंत्री आज के समय में जेल में बंद हैं। तृणमूल कांग्रेस के कई ताकतवर नेताओं का भी यही हाल है। दक्षिण 24 परगना और उत्तर 24 परगना के टीएमसी के अधिकांश नेता सलाखों के पीछे हैं या फिर आज पुलिस और केंद्री जांच एजेंसियों से भाग रहे हैं। पांच लोकसभा क्षेत्रों वाले बंगाल के सबसे बड़े जिले की प्रभारी मंत्री ज्योति प्रिया मल्लिक भी जेल में बंद हैं। उनकी अनुपस्थिति में उनके करीबी सहयोगियों में से एक शेख शाहजहां जिले के दो सबसे महत्वपूर्ण ब्लॉकों में काम कर रहे थे, वह भी अब फरार टल रहे हैं। जनवरी की शुरुआत में कथित तौर पर ऑन-ड्यूटी ईडी अधिकारियों पर हमले की साजिश रचने के बाद चीजें बदतर हो गईं। इसके बाद शाहजहां के खिलाफ महिलाओं के खिलाफ अपराध और जमीन हड़पने के आरोप लगने लगे। वह करीब 49 दिनों से फरार हैं।

दक्षिण बंगाल में ढह रहा तृणमूल का किला?
दक्षिण बंगाल के दो सबसे महत्वपूर्ण और संवेदनशील जिले दक्षिण और उत्तर 24 परगना में लोकसभा की कुल 10 सीटें हैं।  इन सीटों पर शाहजहां, अराबुल इस्लाम, सौकत मोल्ला और कुछ अन्य वरिष्ठ तृणमूल कांग्रेस के नेता पार्टी के लिए काम कर रहे थे। इन नेताओं में से सौकत और अराबुल क्रमशः विधायक और पूर्व विधायक। वहीं, शाजहान जिला परिषद के वरिष्ठ सदस्य हैं। वरिष्ठ तृणमूल नेताओं को भरोसा है कि संदेशखाली का मामला जल्द ही शांत हो जाएगा। इसके बीच चीजें व्यवस्थित हो जाएंगी। उन्हें यह भी उम्मीद है कि लोग शाहजहां को भूल जाएंगे। न्यूज-18 की रिपोर्ट के मुताबिक, मोल्ला ने कहा कि हमारी पार्टी का ढांचा बरकरार है और चिंता करने की कोई बात नहीं है।

इसी क्षेत्र के एक अन्य टीएमसी नेता ने कहा, “क्षेत्र में कुछ मुद्दे थे, लेकिन अधिकांश आरोप हैं। आंशिक रूप से मनगढ़ंत हैं। पार्टी उनकी जांच कर रही है। प्रशासन भी अपना काम कर रहा है। सब कुछ जल्द ही व्यवस्थित हो जाएगा। संदेशखाली ब्लॉक में 11 पंचायतें हैं, जिनमें से एक पंचायत के कुछ बूथों पर हमें थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा। बाकी हमारा है।” पूर्व विधायक अराबुल को पिछले साल दक्षिण 24 परगना जिले के भांगर में हुई हिंसक झड़प के बाद गिरफ्तार किया गया था। वे अब भी जेल में हैं। कैनिंग से तृणमूल विधायक और पार्टी के वरिष्ठ नेता मोल्ला के पास दक्षिण 24 परगना जिले का प्रभार है। इन तीनों पर हिंसा के कई आरोप हैं।

राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर ये दोनों जिले टीएमसी के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। बंगाल की लगभग एक-चौथाई लोकसभा सीटें इन्हीं दो जिलों में हैं। इन जिलों के कुछ ब्लॉक और कई विधानसभा क्षेत्रों में मुस्लिमों का वर्चस्व है। बंगाल के वोट शेयर की बात करें तो यहां उनकी आबादी 30 प्रतिशत के करीब है। बंगाल में मुस्लिम टीएमसी का साथ देते आ रहे हैं। संदेशखाली, हिंगलगंज, बसंती, भांगर जैसे क्षेत्रों को राजनीतिक दलों के लिए 'मनी बैग' के रूप में भी देखा जाता है। मछली के तालाबों पर कब्जा करना, जमीन हड़पना इन स्थानों पर शासन करने का तरीका रहा है। क्षेत्र में काम करने वाले एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, इन जिलों के ग्रामीण इलाकों की भौगोलिक स्थिति और दूरस्थ और आंतरिक क्षेत्र में पूर्ण राजनीतिक नियंत्रण को आसान बनाती है।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here