भोपाल
स्व-सहायता समूह की दीदियों को लखपति बनाना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का संकल्प है। उनके इस संकल्प को राज्य सरकार की योजना की मदद से अशोकनगर जिले की ग्राम पिपरेसरा निवासी नर्मदी ओझा ने लखपति दीदी बनकर पूरा किया है। प्रदेश में संचालित स्व-सहायता समूह की अनेक महिलाएँ बेहतर कार्य कर लखपति दीदी के रूप में समाज में अपनी अलग पहचान बना रही है।
बहन नर्मदी ओझा बताती हैं कि उनके परिवार में 11 सदस्य हैं। परिवार के पास 10 एकड़ कृषि भूमि है। उनके परिवार की आय का जरिया केवल खेती थी। खेती भी बरसात पर आधारित थी। सिंचाई का साधन न होने के कारण खेती से पर्याप्त आमदनी नहीं हो पाती थी। इन दिक्कतों के बीच मुझे स्व-सहायता समूह के बारे में जानकारी मिली। इसके बाद मेरे द्वारा 12 अन्य महिलाओं के साथ मिलकर एक समूह का गठन किया गया। समूह गठन के बाद मुझे सीआईएफ एवं आरएफ राशि प्राप्त हुई। इसके बाद आरसेटी के माध्यम से मुझे मुफ्त सिलाई का प्रशिक्षण प्राप्त हुआ। इसके बाद मुझे सिलाई से 5 हजार रूपये महीने की आमदनी प्राप्त होने लगी। मेरे द्वारा सीएफ राशि लेकर एक वाहन खरीदा गया। इसके बाद आमदनी प्रतिमाह 10 हजार रूपये तक हो गई।
दीदी नर्मदी बताती है कि 2 लाख 50 हजार रूपये की सीएफ राशि लेकर उन्होंने अशोकनगर में काँच-एल्युमीनियम की दुकान की शुरूआत की। आज मैं अपनी दुकान में 4 व्यक्तियों को रोजगार दे रही हूँ। दुकान से मुझे 30 से 35 हजार रूपये महीने का मुनाफा हो जाता है। आज मेरे पास 2 वाहन, एक काँच-एल्युमीनियम की दुकान और स्वयं सिलाई की मशीन का काम है। आज मेरी मासिक आय 45 से 50 हजार रूपये प्रतिमाह हो गई है। मेरे गाँव में 100 दीदियाँ है, जिन्होंने समाज में अपनी मेहनत के बलबूते पर लखपति दीदी के रूप में पहचान बना ली है। मैं सभी बहनों से कहती हूँ कि जब हमारे ऊपर राज्य सरकार का हाथ है, तो हमें मेहनत से पीछे नहीं हटना है। सभी को आगे बढ़ाना है और अपने देश को आत्म-निर्भर भारत की और बढा़ना है।