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मप्र में आचार्य विद्यासागर के समाधिस्थ होने पर राजकीय शोक, नहीं होंगे कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम

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भोपाल.
जैन समाज के लिए रविवार का दिन बेहद कष्टदायक है, क्योंकि जैन मुनि आचार्य विद्यासागर महाराज ने समाधि ले ली। ऐसे में देश भर में जहां शोक की लहर है, वहीं मध्यप्रदेश सरकार ने भी उनके प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हुए आधे दिन का प्रदेश में राजकीय शोक घोषित कर दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसकी घोषणा की है। इसके साथ ही प्रदेश में रविवार को होने वाले सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं।

उल्लेखनीय है कि तीन दिन के उपवास के बाद 'वर्तमान के वर्धमान' कहे जाने वाले जैन मुनि आचार्य विद्यासागर महाराज ने छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ तीर्थ स्थल पर समाधि ले ली। उन्होंने तीन दिन पहले समाधि मरण की प्रक्रिया की शुरुआत की थी, जिसके बाद उन्होंने अन्न-जल का त्याग कर दिया था। शनिवार 17 फरवरी की देर रात 2.35 बजे दिगंबर मुनि परंपरा के आचार्य विद्यासागर महाराज ने अपना शरीर त्याग दिया। आचार्य के शरीर त्यागने की खबर मिलने के बाद से देश भर से उनके शिष्यों का डोंगरगढ़ में जुटना जारी है। अब तक लगभग 400 ब्रह्मचारी भैया और 350 दीदी पूरे देश के अलग-अलग हिस्सों से यहां पहुंच चुके हैं। मुनि संभव सागर महाराज, समता सागर, महासागर महाराज, पूज्य सागर जी, निरामय सागर डोंगरगढ़ यहां पहुंच चुके हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि आचार्य विद्यासागर जी का मध्य प्रदेश के प्रति विशेष स्नेह रहा है। प्रदेशवासियों को उनका भरपूर आशीर्वाद मिला। उनके सद्कार्य हमें सदैव प्रेरित करते रहेंगे। आध्यात्मिक चेतना के पुंज, विश्व वंदनीय संत शिरोमणि परमपूज्य आचार्य गुरुवर 108 विद्यासागर जी महाराज की संलेखना पूर्वक समाधि सम्पूर्ण जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। आचार्य जी का संयमित जीवन और विचार सदैव प्रेरणा देते रहेंगे।

मुख्यमंत्री ने एक्स पर लिखा, ''विश्ववंदनीय संत आचार्य गुरुवर 108 विद्यासागर जी महाराज जी के समाधिस्थ होने से सर्वत्र शोक व्याप्त है। आज मध्यप्रदेश में सरकार के सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम रद्द किए जा रहे हैं। साथ ही आधे दिन का राजकीय शोक रहेगा। श्रद्धेय संत की अंतिम यात्रा में मध्यप्रदेश सरकार की ओर से कैबिनेट मंत्री चैतन्य कश्यप उपस्थित रहेंगे।''

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए एक्स पर लिखा, राष्ट्र संत आचार्य विद्यासागर जी महाराज का समाधिपूर्वक निधन का समाचार सम्पूर्ण जगत को स्तब्ध और निशब्द करने वाला है। मेरे जीवन में आचार्य का गहरा प्रभाव रहा। उनके जीवन का अधिकतर समय मध्यप्रदेश की भूमि में गुजरा और उनका मुझे भरपूर आशीर्वाद मिला। आचार्य के सामने आते ही हृदय प्रेरणा से भर उठता था। उनका आशीर्वाद असीम शांति और अनंत ऊर्जा प्रदान करता था। उनका जीवन त्याग और प्रेम का उदाहरण है। आचार्य जीते जागते परमात्मा थे। उनका भौतिक शरीर हमारे बीच ना हो, लेकिन गुरु के रूप में उनकी दिव्य उपस्थिति सदैव आस पास रहेगी। आचार्य शीघ्र ही परमपद सिद्धत्व को प्राप्त हों। गुरुवर के चरणों में शत शत नमन नमोस्तु भगवन!''

मध्यप्रदेश भाजपा के अध्यक्ष वीडी शर्मा ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि संत शिरोमणि आचार्य भगवंत गुरुदेव प्रवर 108 विद्यासागर महामुनिराज जी की सल्लेखना पूर्वक समाधि का समाचार हम सभी के लिए पीड़ादायक है। पूज्य आचार्य भगवंत तप, ज्ञान, संयम, आराधना और करुणा की प्रतिमूर्ति थे। पूज्य आचार्य भगवंत के श्रीचरणों में कोटि-कोटि नमन। नमोस्तु गुरुदेव!

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए एक्स पर लिखा, ''पूज्य संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर जी महाराज के सल्लेखना पूर्वक समाधि लेने की खबर न सिर्फ जैन समाज के लिए, बल्कि समूचे भारत और विश्व के लिए अपूरणीय क्षति है। ब्रह्मलीन आचार्य विद्याधर जी महाराज ज्ञान, त्याग, तपस्या और तपोबल का सागर रहे हैं। भारत भूमि ऐसे अलौकिक संत के दर्शन, प्रेरणा, आशीष, स्पर्श और करूणा से धन्य हुई है। मैं आचार्य विद्यासागर जी को भावपूर्ण प्रणाम करता हूं। शत् शत् नमन करता हूं। आचार्य हमेशा हमारे हृदय में, हमारी चेतनाओं में, हमारी आस्थाओं में और हमारे जीवनपथ पर शाश्वत रहेंगे। "जय जय गुरुदेव"''

 

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