इंदौर
माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षा पांच फरवरी से शुरू हो चुकी है। अब तक 12 पेपर हुए हैं। अप्रैल में संभावित लोकसभा चुनाव के चलते इस बार बोर्ड परीक्षा गत वर्ष के मुकाबले एक माह पहले शुरू हो गई है, ताकि अप्रैल में परिणाम घोषित किया जा सकें, इसलिए 22 फरवरी से मूल्यांकन कार्य शुरू किया जा रहा है। इधर, मूल्यांकन कार्य के लिए कुछ विषय के शिक्षक नहीं मिल रहे हैं। पहले चरण में 80 हजार से अधिक उत्तर पुस्तिकाएं जांची जाएंगी।
मालव कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को जिला मूल्यांकन केंद्र बनाया गया है। मूल्यांकन के लिए करीब 800 शिक्षकों को मूल्यांकनकर्ता बनाया गया है। किसी तरह की गड़बड़ी न हो, इसलिए जिन 20 कक्षों में मूल्यांकन कार्य होगा, वहां सीसीटीवी कैमरे लगाएं गए हैं। परिसर में पुलिस का पहरा भी रहेगा। मूल्यांकन प्रभारी बबीता हयारण ने बताया कि मूल्याकंनकर्ताओं का चयन हो चुका है।
फिलहाल एग्रीकल्चर और अंग्रेजी विषय की कापियां जांचने के लिए पर्याप्त मूल्यांकनकर्ता नहीं मिले है। जब तक बोर्ड परीक्षा चलेगी, तब तक दोपहर दो से शाम छह बजे तक मूल्यांकन होगा। परीक्षा खत्म होने पर सुबह 10 से शाम छह बजे तक मूल्यांकन कार्य होगा। हर एक मूल्यांकनकर्ता को प्रतिदिन अधिकतम 45 कापियां जांचना होंगी। कुल चार चरणों में चार लाख से अधिक कापियां जांच के लिए मूल्यांकन केंद्र आएगी।
प्रति कापी मिलेंगे 15 और 16 रुपये
मूल्यांकनकर्ताओं को 10वीं की प्रति कापी जांचने पर 15 रुपये और 12वीं की 16 रुपये मिलेंगे। गत वर्ष 10वीं की प्रति कापी 12 और 12वीं की 13 रुपये थे। इस बार मूल्यांकनकर्ता द्वारा कापी जांचने में गलती की जाती है और कम या अधिक अंक दिए जाते हैं तो प्रति अंक के लिहाज से 100 रुपये काट लिए जाएंगे।
हर दिन 25 हजार कापियों में लग रहे बार कोड
इस बार माशिम ने कापियों पर रोल नंबर की जगह बार कोड लगाने के निर्देश जारी किए हैं। इस काम को दिल्ली की एक निजी एजेंसी कर रही है। 12 फरवरी से एजेंसी के 18 से 20 कर्मचारी हर दिन 25 से 30 हजार कापियों पर बार कोड लगा रहे हैं। इस दौरान भोपाल के अफसर कैमरों से इन कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर नजर रखे हैं, ताकि गड़बड़ी न हो।