भोपाल
प्रदेश के जिन सड़कों पर टोल नाले हैं, वे सड़कें लगातार खतरनाक होती जा रही है। हर दिन इन सड़कों पर सात लोगों की मौत हो रही है। जबकि 22 लोग हर दिन घायल हो रहे हैं। इनमें से सबसे ज्यादा घातक जावरा से नयागांव की सड़क बन गई है। यहां पर पिछले तीन साल में 444 लोगों की मौत हुई है। जबकि भोपाल से देवास रोड इस मामले में दूसरे नंबर पर है।
इस सड़क पर 281 लोगों की मौत पिछले तीन साल में हो चुकी है, जबकि इस दौरान 1171 लोग इस सड़क पर हादसों में घायल हुए। प्रदेश में 96 सड़कों पर टोल नाके हैं। इन सड़कों पर पिछले तीन साल में सड़कों हादसों के आंकड़े चौकाने वाले हैं। इस दौरान इन सड़कों पर 6953 लोगों की मौत हो चुकी है। इन सड़कों पर हादसों की संख्या 22 हजार 797 है, जबकि घायलों की संख्या 23 हजार 714 है। यानि हर दिन 22 लोग पिछले तीन साल से घायल हो रहे हैं और हर दिन सात लोगों की मौत हर दिन इन सड़कों पर हो रही है।
भोपाल-देवास, इंदौर-उज्जैन के बीच बरतें विशेष सावधानी
वर्ष 2020 से 2023 तक के जो आंकड़े सामने आए हैं उस पर गौर किया जाए तो जावरा से नयागांव वाले रास्ते पर बहुत सावधानी के साथ सफर करना होगा। इस सड़क पर इन अवधि में 1087 हादसे हुए जिसमें 444 लोगों की मौत हो चुकी है, 1193 लोग घायल हो चुके हैं। वहीं लेबड़-जावरा रोड पर 862 हादसे हुए। जिसमें 725 लोग घायल हुए और 323 लोगों की मौत हुई। वहीं भोपाल से देवास रोड पर इस दौरान 988 हादसे हुए जिसमें 1171 लोग घायल हुए और 281 लोगों की मौत हुई। वहीं इंदौर-उज्जैन रोड भी कम घातक नहीं हैं। यहां पर 1597 सड़क हादसे हुए, जिनमें से 1345 लोग घायल हुए और 218 लोगों की मौत हो गई।