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नर्मदा जयंती: अमरकंटक पहुंचे सीएम डॉ. यादव, महाआरती में शामिल

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भोपाल

नर्मदा जयंती पर श्रद्धालुओं के लिए अच्छी खबर है। अमरकंटक में नर्मदा नदी में मिलने वाले सीवरेज पर पूरी तरह रोक लग गई है। यहां पचास करोड़ की लागत से अपग्रेड किए गए सीवरेज प्लांट का लोकार्पण नर्मदा जयंती के अवसर पर आज मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने किया। इससे 1500 घरों को जोड़ा गया है।

अब अमरकंटक में नर्मदा नदी में कुछ स्थानों पर पहुंच रहे प्रदूषित पानी को पूरी तरह नर्मदा में जाने से रोक लग गई है। अमरकंटक में वर्ष 2018 से एक सीवरेज प्लांट काम कर रहा था लेकिन एक से डेढ़ हजार घर ऐसे चिन्हित किए गए थे जो इस सीवरेज प्लांट से नहीं जुड़े थे। इसके चलते इन घरों से आंशिक रुप से कुछ स्थानों पर प्रदूषित पानी नर्मदा में मिल रहा था। इसके लिए यहां पचास करोड़ की लागत से एक नया अपग्रेड सीवरेज प्लांट तैयार किया गया है। इसके बाद अब अमरकंटक में नर्मदा पूरी तरह प्रदूषित पानी के संकट से मुक्त हो गई है। इससे पहले मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव सोमवार को अमरकंटक पहुंचे। यहां मां नर्मदा मंदिर में हुए महायज्ञ और महाआरती में वे शामिल हुए। सीएम मॉ नर्मदा का वंदन किया। इसके बाद वे नर्मदापुरम में भी नर्मदा जयंती पर हो रहे कार्यक्रमों में शामिल होंगे।

फसलों को मिलेगा जीवन
नमामि देवी नर्मदे प्रोजेक्ट के अंतर्गत  नर्मदा के सत्रह घाटों का विकास और कायाकल्प किया जा रहा है। नर्मदा के जल से तेरह जिलों में 21 परियोजनााओं से 9.36 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में सिचाई हो रही है। आने वाले पांच वर्षो में नर्मदा से पंद्रह लाख हेक्टेयर में सिचाई के विस्तार की सरकार की योजना है। इंदिरा सागर, ओंकारेश्वर, सरदार सरोवर एवं बरगी बांधों से 2 हजार  436 मेगावॉट जल विद्युत उर्जा का उत्पादन हो रहा है।  ओंकारेश्वर में छह सौ मेगावाट की फ्लोटिंग  सोलर पावर परियोजना आकार ले रही है।

जन्मोत्सव की धूम
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शाम को नर्मदापुरम में नर्मदा जन्मोत्वस पर जलमंच पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे। यहां सांस्कृतिक आयोजनों में भी वे शामिल होंगे। इसके पहले नर्मदा जयंती का औपचारिक शुभारंभ नर्मदापुरम में सेठानी घाट पर सुबह मंगलाचरण के साथ हुआ। दोपहा में यहां रंगोली, मेंहदी, चित्रकला प्रतियोगिताओं का आयोजन तिलक भवन और सेठानीघाट पर किया गया। इन प्रतियोगिताओं में स्कूली छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। मोरछल्ली चौक से दोपहर में कलश यात्रा भी निकाली जाएगी।

मध्यप्रदेश के विकास की वाहिनी, कण-कण जीवन को पोषित करती जीवनदायनी नदी नर्मदा है। प्रदेश का कोई क्षेत्र, वर्ग या जीव ऐसा नहीं है जिसे मां नर्मदा ने उपकृत नहीं किया है।  हमारी जीवन रेखा मां नर्मदा के पावन नैसर्गिक स्वरुप को अक्षुण्ण रखते हुए जल के समुचित प्रबंधन एवं उपयोग से प्रदेश के विकास को गति देने के लिए मध्यप्रदेश सरकार पूर्ण रूप से समर्पित है।
डॉ. मोहन यादव, मुख्यमंत्री

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