प्रदेश में मार्च से शुरू होगा जल-हठ अभियान
पंचायत स्तर के तालाबों का होगा जीर्णोद्धार
जल संरक्षण, जल संवर्धन और वर्षा जल की उपयोगिता को बढ़ावा देने जल हठ अभियान की शुरुआत
भोपाल
प्रदेश में जल संसाधन विभाग द्वारा जल संरक्षण, जल संवर्धन और वर्षा जल की उपयोगिता को बढ़ावा देने के लिए जल हठ अभियान की शुरुआत की जाएगी। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री के विधानसभा कक्ष में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने संयुक्त रूप से बैठक में प्रदेश की जल संरचनाओं के जीर्णोद्धार और जल क्षमता को बढ़ाने के लिए चर्चा की।
जल संसाधन मंत्री सिलावट ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के विजन अनुसार प्रदेश में प्राकृतिक संतुलन और पर्यावरण संरक्षण के लिए जल संचयन के लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है। प्रदेश में पंचायत स्तर पर स्थित 10 हेक्टेयर क्षेत्रफल से छोटे तालाबों में वर्षा का जल रोकने, जल भराव के क्षेत्रों को अतिक्रमण मुक्त करने और उनके चारों ओर की मेढ़ को व्यवस्थित करने के लिए जन अभियान चलाया जाएगा।
मंत्री सिलावट ने कहा कि जल हठ अभियान को आंदोलन के रूप में चलाने के लिए जन भागीदारी के साथ आगे बढ़ाया जाएगा। जल हठ अभियान को प्रभावी रूप से देने के लिए प्रथम चरण में प्रदेश के 200 से 250 तालाबों को उनके पुरातन स्वरूप में लाया जायेगा। मंत्री सिलावट ने कहा की हमारी ऐतिहासिक विरासत में चोल, गोंड, संस्कृति में जल परिवहन और जल संरचनाओं को सबसे व्यवस्थित माना गया है जो आज भी हमारे लिए आदर्श है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि जल हठ अभियान को धरातल पर उतारने के लिए माइक्रो-प्लानिग के साथ काम किया जायेगा। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग इसके लिए एक मॉडल विकसित करेगा, जिसमें मनरेगा से बजट का प्रावधान कर अभियान की शुरुआत की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जिले के तालाबों को चिन्हित कर व्यवस्थित करने के लिए विशेष कार्य योजना बनाई जाएगी और बजट प्रावधान के साथ धरातल पर कार्य रूप में परिणित किया जाएगा। मंत्री पटेल ने कहा कि प्रदेश स्तर पर इसके लिए रणनीतिक रूप से एक मॉडल बनाया जाएगा और ए.बी.सी. ग्रेडिंग कर तालाबों के गहरीकरण, पेचिंग, बंधान और पौधारोपण के काम की शुरुआत की जाएगी।
राजस्व मंत्री वर्मा ने कहा कि तालाबों पर अतिक्रमण को हटाने के लिए जिलों के राजस्व अमले को निर्देश किये जायेंगे। राजस्व विभाग द्वारा इन सभी तालाबों का सीमांकन किया जाएगा और जल भराव वाले क्षेत्रों को अंकित कर उनको अतिक्रमण मुक्त करने का कार्ययोजना वृहद रूप से किया जायेगा।
बैठक में सहमति जताई कि प्रथम चरण में प्रदेश के 250 तालाबों की जल संवर्धन तथा जल संरक्षण कार्य योजना अनुसार 30 जून तक पूर्ण कर लिया जाये।
बैठक में जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा ने कहा कि जल संसाधन विभाग इसमें अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए प्लांटेशन के काम को भी करेगा। साथ ही ऐसे तालाबों को भी संरक्षित करने का कार्य किया जाएगा, जिससे आस-पास की आबादी को पेयजल और भू-जल स्तर को बढ़ाया जा सके। प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में वर्षा की असामान्य स्थिति को देखते हुए वर्षा के जल को रोकना और उसका बेहतर उपयोग बहुत जरूरी है, जल हठ अभियान इसमें एक मील का पत्थर साबित होगा।
बैठक में प्रमुख सचिव, ग्रामीण विकास विवेक पोरवाल, प्रमुख सचिव राजस्व निकुंज श्रीवास्तव, जल संसाधन के ईएनसी शिशिर कुशवाह, और विभाग के अधिकारी भी उपस्थित रहे।