भोपाल
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल और महाकाल की नगरी उज्जैन में आवारा कुत्तों ने आतंक मचा रखा है। पिछले छह वर्षों में नगर निगम भोपाल में 56 हजार 73 और नगर निगम उज्जैन में 15 हजार 235 कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण किया गया है इसके बावजूद आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ रही है और अकेले भोपाल में ही वर्ष 2023 में आवारा कुत्तों के काटने से 13 हजार 36 बच्चे और बढ़े घायल हुए है। जिनको एंटी रैबीज टीके लगाए गए।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कांग्रेस विधायक आतिफ अकील और महेश परमार द्वारा पूछे गए सवालों के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। अकील के सवाल के जवाब में मंत्री ने बताया कि आवारा कुत्तों की जनसंख्या नियंत्रण के लिए पशु जन्म नियंत्रण नियम के तहत भोपाल नगर निगम एनजीओ के माध्यम से कुत्तों की नसबंदी और रैबीज टीकाकरण का कार्यक्रम चलाया जाता है। शिकायत मिलने पर श्वान दल आवारा कुत्तों को पकड़कर नसबंदी केन्द्र तक टीकाकरण एवं नसबंदी हेतु पहुंचाता है। शासन द्वारा इसके लिए अलग से कोई राशि नहीं दी जाती है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023 में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल कार्यालय की जानकारी के अनुसार भोपाल में विभिन्न चिक्त्सिा संस्थाओं में व्यक्तियों और कुत्तों के काटने के 13 हजार 36 प्रकरण रिपोर्ट किए गए जिनमें एंटी रैबीज टीकाकरण प्रदाय किया गया।
नसबंदी के लिए निगरानी समिति
विधायक महेश परमार के सवाल के जवाब में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि भोपाल एवं उज्जैन नगर निगम में आवारा कुत्तों की नसबंदी का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। भोपाल नगर निगम में वर्ष 2018-19 में 4910, वर्ष 19-20 में 15 हजार 175, वर्ष 2020-21 में 4269, वर्ष 21-22 में 8536, वर्ष 22-23 में 9082 और वर्ष 23-24 में 14 हजार 201 इस तरह कुल 56 हजार 73 कुत्तों की नसबंदी की गई है। उज्जैन नगर निगम में वर्ष 2018-19 से 22-23 तक कुल 15 हजार 235 कुत्तों की नसबंदी की जा चुकी है। भोपाल और उज्जैन में श्वान नसबंदी कार्य हेतु निगरानी समिति गठित है।