भोपाल
मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड को नई दिल्ली में 96th स्कॉच समिट में ग्रामीण पर्यटन परियोजना के लिए टूरिज्म श्रेणी में अवार्ड प्रदान किया गया है।
पर्यटकों को स्थानीय संस्कृति से रूबरू कराने और सामुदायिक सहभागिता से स्वरोजगार के विभिन्न अवसर उत्पन्न करने वाली ग्रामीण पर्यटन को एक बार फिर स्कॉच संस्था ने सराहा है।
प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति एवं प्रबंध संचालक टूरिज्म बोर्ड शिव शेखर शुक्ला ने इस उपलब्धि के लिए पर्यटन बोर्ड के अधिकारियों के साथ ग्रामीण पर्यटन परियोजना में सहयोगी संस्थाओं को शुभकामनाएं दी है।
उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार ग्रामीण पर्यटन परियोजना में और अधिक ऊर्जा और उत्साह के साथ काम करने की प्रेरणा देगा। कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ़ इंडिया न्यू दिल्ली में आयोजित एक समारोह में पर्यटन बोर्ड की ओर से संचालक मनोज सिंह ने पुरस्कार ग्रहण किया।
सीएम मोहन यादव ने दी
मप्र पर्यटन विभाग की इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बधाई दी है। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट कर कहा कि मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड को नई दिल्ली में आयोजित 96वीं स्कॉच समिट में ग्रामीण पर्यटन परियोजना के लिए टूरिज्म श्रेणी में सिल्वर अवॉर्ड से सम्मानित होने पर पर्यटन विभाग की पूरी टीम को बधाई। यह सम्मान पूरे विभाग के समर्पण का प्रतिफल है। यह पुरस्कार न सिर्फ मध्यप्रदेश के ग्रामीण पर्यटन को और अधिक बढ़ावा देगा, बल्कि इससे रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।’
मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड ने ग्रामीण पर्यटन परियोजना अंतर्गत मध्य प्रदेश के 6 संस्कृति क्षेत्र में 100 गांवों का चयन किया हैं। इसमें लगभग 30 गांवों में परियोजना का कार्य प्रारंभ हो गया है। इन गांवों में अतिथि आने लगे हैं और इसमें विदेशी अतिथियों का आगमन बहुत तेज़ी से बढ़ा है। विदेशी पर्यटकों के साथ साथ देशी पर्यटक भी इस परियोजना के प्रति अपनी रुचि दिखा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड द्वारा वर्ष 2019 में यह परियोजना प्रारंभ की गई थी। वर्तमान में केंद्र सरकार के द्वारा इस परियोजना को अत्यधिक महत्व प्रदान किया जा रहा है एवं कई राज्यों ने ग्रामीण पर्यटन परियोजना पर कार्य करना शुरू किया है।
मध्यप्रदेश में यह परियोजना स्थानीय समुदाय के द्वारा संचालित की जा रही है इसमें स्थानीय लोगों को विभिन्न प्रकार के रोज़गार के अवसर भी मिल रहे हैं। ग्रामीण पर्यटन परियोजना अंतर्गत ज़मीनी स्तर पर एनजीओ संस्था पार्टनर है जिसके द्वारा क्रियान्वयन किया जा रहा है। परियोजना में विभिन्न शासकीय विभागों का समन्वय है।