हरदा
हरदा पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश पर अवैध पटाखा फैक्ट्रियों के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया गया है। प्रदेश भर में सरकार द्वारा जारी निर्देशों और मानकों का पालन नहीं करने पर हरदा जिले की सभी 12 पटाखा फैक्ट्रियों को सील कर दिया है। बता दें कि हरदा के बैरागढ़ गांव में स्थित पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट में अब तक 12 मौतें हो चुकी है। हादसे में लगभग 170 लोग घायल हुए हैं।
हरदा पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट इतना भीषण था कि आग ने आस पास के लगभग 50-60 घरों को अपनी चपेट में ले लिया था। वहीं प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि फैक्ट्री में विस्फोट और आग लगने के बाद मौके पर कई शव टुकड़ों में बिखरे पड़े थे और कई लोग लापता हो गए, हर तरफ भगदड़ का माहौल था। पुलिस ने जांच की तो पता चला कि हरदा की फैक्ट्री में लाइसेंस में तय मात्रा से ज्यादा मात्रा में विस्फोटक रखा गया है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जिम्मेदारों के खिलाफ एक्शन के निर्देश दिए और मंगलवार शाम को ही फैक्ट्री के मालिकों सोमेश अग्रवाल और राजेश अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया गया और उन पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया। इसके अलावा एक अन्य व्यक्ति, रफीक खान, जो कथित तौर पर उस कारखाने का प्रबंधक है जहां विस्फोट हुआ था, को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार किसी भी दोषी पक्ष को नहीं बख्शेगी और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी। हरदा में हुए दर्दनाक हादसे पर प्रधानमंत्री मोदी ने भी शोक व्यक्त किया और मृतक के परिजन को 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।
वहीं इस हादसे से सबक सरकार ने तुरंत प्रदेश भर में अवैध फैक्ट्रियों पर एक्शन लेने की बात कही। इसी कड़ी में प्रदेश भर में छापेमारी जारी है और कई अवैध फैक्ट्रियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। वहीं हरदा में अब तक 12 अवैध फैक्ट्रियों को सील किया गया है। जिनमें सिराली तहसील के ग्राम पीपल पानी में 2, हंडिया तहसील के ग्राम कुंजरगवां में 3, हरदा तहसील के ग्राम बैरागढ़ में 4, हरदा तहसील के ग्राम रहटाखुर्द में 3 और हरदा तहसील के ग्राम दूधकच्छ में पटाखा फैक्ट्रियां शामिल हैं।