हरदा
हरदा में पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट से 11 लोगों की मौत हो गई। 217 लोग घायल हो गए, इनमें फैक्ट्री के 51 मजदूर शामिल हैं। 73 लोग अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं। इनमें से 27 लोग भोपाल में भर्ती हैं। 38 घायलों को हरदा से रेफर किया गया है। अब तक 95 लोगों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा चुका है।
हरदा जिला अस्पताल में भर्ती मजदूर संदीप ने बताया कि हादसे के वक्त फैक्ट्री में 20-25 मजदूर भी थे। जिस बेसमेंट में बारूद रखा था और मजदूर काम कर रहे थे, उसका मलबा हटाया जा रहा है। मलबे में से जो शव मिले हैं वे कोयला हो चुके हैं, उन्हें पहचानना मुश्किल हैं। मंगलवार देर रात तक 2 घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। 51 गंभीर घायलों को भोपाल, इंदौर और नर्मदापुरम रेफर किया गया। कई अब भी लापता हैं। एनडीआरएफ की टीमें मलबे में दबे लोगों को निकालने में जुटी है। हालात का जायजा लेने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बुधवार को हरदा जाएंगे। हादसे में फैक्ट्री के आसपास बने 60 घर जल गए। एहतियातन 100 से ज्यादा इमारतों को खाली करा लिया गया। पटाखा फैक्ट्री के आसपास के तकरीबन आधा किलोमीटर के इलाके में वीरानी छाई हुई है। घरों में ताले लटके हैं और जान बचाकर भागे लोगों ने दूसरे गांवों में या दूर सुरक्षित जगह जाकर पनाह ले रखी है। लोग इस कदर दशहत में हैं कि घटना के 20-21 घंटे गुजरने के बाद भी घर लौटने को तैयार नहीं।
वाराणसी से एनडीआरएफ की टीम पहुंची हरदा
वाराणसी स्थित हेडक्वार्टर से एनडीआरएफ का 35 सदस्यीय टीम बुधवार सुबह हरदा पहुंची। फैक्ट्री में जहां तलघर में बारूद और कर्मचारी मौजूद थे, वहां मलबा हटाने का काम किया जा रहा है। साइट पर बचाव कर्मियों के साथ पोकलेन मशीनों के अलावा एंबुलेंस भी मौजूद हैं, ताकि अगर कोई मलबे में दबा व्यक्ति मिले, तो उसे तुरंत अस्पताल भिजवाया जा सके। पटाखा फैक्ट्री के आसपास तबाही का मंजर भयावह है। खेत में जहां तक नजर जा रही है। सिर्फ मलबा, टीन की टूटी हुई चादरें, लोहे के एंगल और जला हुआ सामान नजर आ रहा है। फैक्ट्री के पास खेत में लगे आम के दो विशाल पेड़ पूरी तरह जलकर सूख चुके हैं। फैक्ट्री की साइट पर पूरी तरह जली हुई एक कार भी नजर आई। इसके साथ-साथ दो बाइक भी मलबे में मिली हैं, जिनका सिर्फ ढांचा बचा है।