मांडू
चतुर्भुज श्रीराम मंदिर परिसर में मांडू पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर डा नृसिंह दासजी के मुख्य आतिथ्य और पोस्ट मास्टर जनरल इंदौर परिक्षेत्र प्रीति अग्रवाल की अध्यक्षता में चतुर्भुज श्रीराम मंदिर मांडू पर आधारित विशेष लिफाफे का अनावरण रविवार को किया गया।
केंद्र सरकार के डाक विभाग द्वारा जारी किए गए इस लिफाफे पर मांडू के श्रीराम मंदिर का चित्र प्रकाशित किया गया है। इसमें मांडू मंदिर का विवरण भी लिखा गया है। धार जिले के लिए यह गौरव की बात है। मांडू के मंदिर पर आधारित इस विशेष लिफाफे की कीमत 20 रुपये है।
यह मंदिर का इतिहास
बता दें कि लगभग 1250 वर्ष प्राचीन श्रीराम भगवान की चतुर्भज प्रतिमा मध्यप्रदेश के मांडू में विराजमान है। इसमें प्रभु श्रीराम के हाथों में क्रमशः धनुष बाण,कमल और माला सुशोभित है। साथ में जानकी माता, लक्ष्मणजी, हनुमान जी के साथ ही अंगद, नल-नील के साथ अन्य वानरों की मूर्तियां भी है।
महामंडलेश्वर नृसिंह दास द्वारा श्रीराम की इसी महिमा का वर्णन करते हुए बताया कि रामजी का य़ह चतुर्भुज स्वरूप का विग्रह विश्व का एक मात्र ऐसा विग्रह है जो चतुर्भुज है। यह प्रतिमा विक्रम संवत 1823 में तत्कालीन महंत रघुनाथ दास जी को स्वप्न दे कर प्रकट हुई थी। धार पवार राजपरिवार की महारानी सकू बाई द्वारा इस मंदिी का निर्माण कराया गया था।
अयोध्या में हुए आयोजन पर की व्याख्या
नृसिंह दास ने 22 जनवरी को अयोध्या में हुए भव्य आयोजन की भी व्याख्या की। राममयी वातावरण के लिए बधाई दी गई। इसी क्रम में पोस्ट मास्टर जनरल द्वारा श्रीराम के सुंदर वृतांतों का वर्णन किया गया। श्रीराम को श्रेष्ठ पुत्र, उत्तम शासक एवं मर्यादापुरुषोत्तम के रूप में व्याख्या की गई। बताया गया की किस तरह डाक विभाग अविस्मरणीय क्षण अपने स्मृति में डाक टिकट एवं प्रथम आवरण के माध्यम से चीर स्थायी बनाए रखने के लिए अग्रसर है।