मुरैना
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघ चालक डॉ. मोहन भागवत सहित संघ के अन्य प्रमुख पदाधिकारी एक सप्ताह तक मध्य प्रदेश के प्रवास पर रहेंगे. इस दौरान वह मुरैना और उज्जैन में होने वाली बैठकों में शामिलि होंगे. राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ की यह बैठक 6 फरवरी से 11 फरवरी तक चलेगी. आरएसएस की इन बैठकों में संगठन और सियासत से जुड़े मामलों पर मंथन के साथ महत्वपूर्ण मुद्दों पर निर्णय लिए जाएंगे. साथ ही संघ चालक और प्रांत कार्यवाह जैसे पदाधिकारियों के चुनाव भी होंगे.
मध्य प्रदेश में होने वाली इन बैठकों को आगामी लोकसभा चुनाव और अन्य राष्ट्रीय मुद्दों से जोड़कर भी देखा जा रहा है. सप्ताह भर के इस कार्यक्रम के दौरान 6-7 फरवरी को उज्जैन में संघ के पदाधिकारियों की बैठक आयोजित होगी, जबकि 9 से 11 फरवरी तक मुरैना में बैठक आयोजित की जाएगी. बैठक में संघ प्रमुख सहित सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल, डॉ. मनमोहन वैद्य, रामदत्त चक्रधर, श्रीमुकुंदा जैसे कई बड़े पदाधिकारी मौजूद रहेंगे.
छोटी टोली की बैठक
बता दें, संघ की हर तीन महीने में छोटी टोली की बैठक आयोजित होती है, इस बैठक में सम-सामयिक मामलों पर बड़े निर्णय लिए जाते हैं. मध्य प्रदेश में आयोजित होने वाली इस बैठक में आगामी दिनों के लिए संघ का एजेंडा तैयार किया जाएगा. आम चुनाव से ठीक पहले शीर्ष स्तर के बड़े नेताओं की अगुवाई में होने वाली राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की यह बैठक कई मायनों में महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
आरएसएस की बैठक सियासी संकेत
मध्य प्रदेश सहित पूरे देश में अप्रैल मई तक लोकसभा चुनाव संभावित हैं. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ की यह बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है. जिसमें संघ के सभी बड़े पदाधिकारी मौजूद रहेंगे. मध्य प्रदेश में 29 लोकसभा सीटें हैं. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने प्रदेश के 29 में से 28 सीटों पर जीत दर्ज किया था. कांग्रेस सिर्फ एक सीट पर सिमट कर रह गई थी. बीजेपी पर आगामी विधानसभा चुनाव में पिछले जीत के रिकॉर्ड को बरकरार रखने की बड़ी चुनौती होगी. राहुल गांधी सहित विपक्षियों पार्टियां एमपी को आरएसएस की कथित प्रयोगशाला होने का आरोप लगाते रहे हैं.