Home मध्यप्रदेश नया ट्रैक और फ्लाई ओवर भी बनाएगा रेलवे, 800 किमी के रेलवे...

नया ट्रैक और फ्लाई ओवर भी बनाएगा रेलवे, 800 किमी के रेलवे ट्रैक से गुजरेंगे दो कारिडोर

12
0

जबलपुर.
यात्री ट्रेनों की लेटलतीफी की मुख्य वजहों में से एक है मालगाड़ियों को रेलवे ट्रैक पर जगह देना है। इस कारण कई बार यात्री ट्रेनों को रेलवे आउटर या फिर रेलवे स्टेशन पर खड़ा कर देता है, लेकिन रेलवे ने यात्री ट्रेनों को प्रभावित किए बिना मालगाडियों को समय पर गंतव्य तक पहुंचाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए देश में तीन बड़े कारिडोर बनने जा रहे हैं। इनमें से दो कारीडोर, पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर और भोपाल मंडल से भी होकर गुजरेगा।

रेलवे की माने तो इन कारीडोर में एक लंबा रेलवे ट्रैक नहीं होगा, बल्कि इसे छोटे-छोटे रूट पर बनाया जाएगा, जहां पर यात्री ट्रेन और मालगाड़ी, दोनों प्रभावित होती हैं। ऐसे रेलवे ट्रैक को चिंहित करने के लिए पश्चिम मध्य रेलवे जोन ने तैयारी शुरू कर दी है। मध्य प्रदेश में जबलपुर रेल मंडल की सीमा का अधिकांश रेलवे ट्रैक, इन कारीडोर से जुड़ेगा। जोन और मंडल, दोनों ने इसका काम भी शुरू कर दिया है।

मंडल में बन रहा पहला मल्टी मॉडल कार्गो टर्मिनल
जबलपुर रेल मंडल ने कारीडोर के लिए ट्रैक चिह्नित करने से पहले मल्टी माडल कार्गो टर्मिनल बनाने का काम शुरू कर दिया है। इसके लिए मंडल की सीमा में आने वाले ग्राम देवरा में जमीन भी चिंहित कर ली गई है। हालांकि इसे बनाने की जिम्मेदारी निजी कंपनी को दी गई है। रेलवे के मुताबित गति शक्ति योजना के तहत मल्टी माडल कार्गो टर्मिनल रेल भूमि पर निजी निवेश के तहत बनाया जा रहा है।

इसे बनाने का एचडीसी इंडिया लिमिटेड को दिया गया है। कंपनी से 17 जनवरी से काम भी शुरू कर दिया है। अब कंपनी को 18 माह की समयावधि में मल्टी मोडल कार्गो टर्मिनल का निर्माण पूरा करना होगा। यह इसलिए आधुनिक है, चूंकि इसमें आधुनिक लोडिंग-अनलोडिंग प्रणालियां, विभिन्न कार्यालय, सर्वसुविधायुक्त सुविधाओं से लैस बनाया जाएगा। इसके बनने के बाद देवरा ग्राम से 3 से 4 रैक प्रतिदिन लोड होंगे।

क्या है पूरा प्रोजेक्ट
रेलवे बजट में जो तीन बड़े कारिडोर बनाए जा रहे हैं, उनमें से पहला कारिडोर एनर्जी, मिनरल और सीमेंट के लिए, दूसरा पोर्ट कनेक्टिविटी और तीसरा हाई ट्रैफिक डेंसिटी कारिडोर बनाया जाएगा। इनमें जो रेलवे ट्रैक चिंहित किया जा रहा है, उसमें इटारसी-जबलपुर-मानिकपुर, कटनी-सागर-बीना और कटनी-सिंगरौली, कटनी-शहडोल-बिलासपुर शामिल है।

यहां से मुख्यतौर पर तीसरा कारिडोर रेलवे ट्रैक को ट्रैफिक डेंसिटी कारिडोर बनाया जाएगा। इधर कटनी-बीना और कटनी-सिंगरौली को एनर्जी कारिडोर के लिए चिह्नित किया जा रहा है। छोटे-छोटे हिस्सों में ट्रैक बनाकर यहां से निकला जाएगा। इसके लिए रेलवे का निर्माण विभाग, इंजीनियरिंग विभाग और आपरेटिंग विभाग मिलकर काम कर रहे हैं।

  • पहला कारिडोर – एनर्जी, मिनरल और सीमेंट के लिए – जबलपुर के गोसलपुर, सिंगरौली, कटनी, सतना से होकर यह ट्रैक बनाया जाएगा।
  • दूसरा कारिडोर – पोर्ट कनेक्टिविटी के लिए- गोसलपुर के आयरन ओर यहां से विशाखापटनम तक मालगाड़ी से ले जाया जाता है।
  • तीसरा कारिडोर – हाई ट्रैफिक डेंसिटी के लिए- जबलपुर-इटारसी-मानिकपुर में यात्री ट्रेनों का सबसे ज्यादा ट्रैफिक रहता है।

कारिडोर में यह बनेगा

  • जहां पर यात्री ट्रेनों की संख्या ज्यादा है, उस ट्रैक पर नई लाइन डाली जाएगी।
  • यहां पर संभव हुआ तो मालगाड़ी के लिए फ्लाइओवर भी बनाया जाएगा।
  • कटनी में सिंगरौली और बीना ट्रैक पर बन रहे 31 किमी के फ्लाईओवर भी इसका हिस्सा होगा।
  • यात्री ट्रेनों को प्रभावित किए बिना ही मालगाड़ी के लिए डंपिंग यार्ड भी बनाए जाएंगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here