भोपाल
स्क्रीनिंग कमेटी के साथ हुई प्रदेश चुनाव अभियान समिति और लोकसभा प्रभारियों के बैठक के बाद कुछ नेताओं को लोकसभा चुनाव लड़ने का हिंट कर दिया गया है। हालांकि इस बैठक में यह भी संकेत मिले हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। दोनों ही नेता शनिवार को हुई बैठक में जूम से जुड़े थे। दिग्विजय सिंह राज्यसभा का टैक्निकल फॉर्मूला बता कर चुनाव मैदान में आने से दूर हो रहे हैं, वहीं कमलनाथ अपने बेटे नकुलनाथ को ही लोकसभा चुनाव लड़वाना चाहते हैं।
सूत्रों की मानी जाए तो इस बैठक के बाद यह पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह का नाम मुरैना से लगभग सिंगल ही है, उन्हें चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहने के संकेत दे दिए गए हैं। इसी तरह देवास से सज्जन सिंह वर्मा को फिर से लोकसभा का चुनाव लड़ने को कहा गया है। वहीं झाबुआ से कांतिलाल भूरिया, खंडवा से अरुण यादव, मंदसौर से मीनाक्षी नटाराजन को ही पार्टी फिर से लोकसभा चुनाव में उतारने जा रही है। इन सभी नेताओं को चुनाव की तैयारी करने को कहा गया है। इनके साथ ही कमलेश्वर पटेल को सीधी, बाला बच्चन को खरगौन से लड़ने का कहा जा सकता है।
दिग्वियज सिंह इसलिए रहेंगे चुनाव से दूर
दिग्विजय सिंह की राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र में बढ़ी सक्रियता को देखते हुए यह अटकलें लगाई जा रही है कि वे इस लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ सकते हैं। लेकिन उन्होंने इन अटकलों को लेकर कहा था कि वे राज्यसभा के सदस्य हैं और उनका कार्यकाल 2026 तक है। दरअसल यदि दिग्विजय सिंह लोकसभा चुनाव लड़ कर यदि संसद में पहुंचते हैं तो उन्हें राज्यसभा की सीट छोड़ना पड़ेगी। ऐसे में उनकी सीट पर बाकी बचे हुए समय के लिए चुनाव होगा, जिस पर भाजपा भारी पड़ेगी और राज्यसभा की यह सीट कांग्रेस से छीन कर भाजपा के खाते में जा सकती है। इसलिए दिग्विजय सिंह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे।
इन सीटों पर होंगे नए चेहरे
गुना में इस बार कांग्रेस दिग्विजय सिंह के पुत्र एवं विधायक जयवर्धन सिंह को मैदान में उतार सकती है। राजगढ़ से प्रियव्रत सिंह को उम्मीदवार बनाया जा सकता है। खजुराहो से आलोक चतुर्वेदी, होशंगाबाद से संजय शर्मा, धार से सुरेंद्र सिंह बघेल, शहडोल से फुंदेलाल मार्को, जबलपुर से तरुण भनौत को लोकसभा चुनाव में उतारा जा सकता है। ये सभी लोकसभा में नए चेहरे होंगे, हालांकि प्रदेश की राजनीति में ये चेहरे पुराने हैं।