भोपाल
दिवंगत वरिष्ठ साहित्यकार और शीर्षस्थ आलोचक प्रो. धनंजय वर्मा की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन मध्य प्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन,प्रगतिशील लेखक संघ और जनवादी लेखक संघ के संयुक्त तत्वावधान में स्थानीय मायाराम सुरजन स्मृति भवन में किया गया।इस श्रद्धांजलि सभा में प्रबुद्ध साहित्यकारों ने दिवंगत के प्रगतिशील मानवीय मूल्यों के लिए प्रतिबद्ध अवदान के महत्व को रेखांकित कर श्रद्धांजलि अर्पित की ।
रमाकांत श्रीवास्तव ने अपने छात्र जीवन से जुड़े विभिन्न संस्मरणों के माध्यम से धनंजय वर्मा जी के प्रभावशाली व्यक्तित्व और लोकप्रियता को याद किया तथा एक आलोचक के रूप में उनके महत्व को रेखांकित किया।
राजेश जोशी ने विभिन्न संस्मरणों के माध्यम से समकालीन साहित्यिक परिदृश्य में धनंजय वर्मा के प्रभाव का उल्लेख किया ।
शशांक ने धनंजय जी के अनूठे सौंदर्य बोध,अनुशासन और गंभीरता का उल्लेख किया। प्रो. विजय अग्रवाल ने " वसुधा " पत्रिका के संपादक के रूप में धनंजय जी के अवदान को अविस्मरणीय निरूपित किया तथा एक आलोचक के दायित्व के प्रति उनकी सजगता को याद किया।अशोक शाह ने नई पीढ़ी को प्रोत्साहित करने के लिए उनकी गंभीरता को रेखांकित किया।
रामप्रकाश त्रिपाठी ने धनंजय जी की प्रतिबद्धता और पक्षधरता का उल्लेख किया।
लक्ष्मीनारायण पयोधि ने छत्तीसगढ़ से जुड़े विभिन्न संस्मरणों के माध्यम से धनंजय वर्मा से अपने आत्मीय और वैचारिक संबंधों का उल्लेख किया ।सुआरती ने साहित्यक आयोजनों में धनंजय जी के सहयोग और मार्गदर्शन को याद करते हुए उनकी विभिन्न पुस्तकों के पुनः प्रकाशन की अपील की ।
नवल शुक्ल ने धनंजय उनके प्रेरक अवदान को अविस्मरणीय निरूपित किया।वसंत सकरगाये ने नई पीढ़ी के सृजन के प्रति भी धनंजय वर्मा की गंभीरता को याद किया।
राकेश दीवान ने धनंजय वर्मा के महत्व का उल्लेख करते हुए वरिष्ठ साहित्यकारों पर महत्वपूर्ण आयोजन उनके जीवित रहते हुए भी करने की अपील की ।
श्रद्धांजलि सभा का संचालन शैलेन्द्र शैली ने किया तथा मध्य प्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन और प्रगतिशील लेखक संघ में धनंजय वर्मा की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया । सभा के अन्त में प्रबुद्ध वक्ताओं के साथ ही सर्वपलाश सुरजन,अरुण डनायक ,कार्तिकेय वर्मा , आनन्द सिन्हा ,शिवकुमार अवस्थी , भवेश दिलशाद ,मनीषा वर्मा ,निवेदिता वर्मा ,गार्गी वर्मा आदि ने दो मिनिट मौन रखकर तथा धनंजय वर्मा के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।