भोपाल
प्रदेश में आठ ऐसे पद अफसरों की तैनाती का इंतजार कर रहे हैं जो कानून व्यवस्था की दृष्टि से खासे अहम माने जाते हैं। यह सभी पद आईजी रेंज से लेकर जिलों के पुलिस कप्तान के हैं। इन पदों पर अफसर की तैनाती करने के लिए पुलिस मुख्यालय और गृह विभाग दोनों ही मशक्कत कर रहे हैं, लेकिन कुछ अफसरों की इच्छा अनुसार उन्हें पोस्टिंग नहीं मिलने से तबादला आदेश जारी होने में देरी हो रही है।
नेता नहीं हुए राजी
सूत्रों की मानी जाए तो सबसे ज्यादा ग्वालियर रेंज तबादला आदेश में देरी करवा रहा है। रेंज के आईजी जो अफसर बनना चाहते थे, उनके नाम पर अब वहां के कुछ नेताओं में सहमति नहीं बन पाई। नतीजे में उनका तबादला आदेश जारी होते-होते रोक दिया गया। जिनकों इस रेंज का आईजी बनाया जाना था, वे एक रेंज में डीआईजी से आईजी हो गए हैं, लेकिन अभी वे डीआईजी का ही काम देख रहे हैं। इसी तरह यहीं पर पदस्थ एक अन्य अफसर भोपाल में डीआईजी बनकर आना चाहती हैं, उन्होंने पूरे प्रयास कर दिए हैं। जबकि पूर्व में वे भोपाल में ही पदस्थ थी। अब वे फिर से भोपाल आना चाहती है। उनका तबादला लगभग तय है, उन्हें पुलिस मुख्यालय या भोपाल में किसी अन्य जगह पर पदस्थ किया जा सकता है।
ये जिले भी खाली
इधर पिछले दिनों आईपीएस अफसरों के हुए तबादलों में उज्जैन, नीमच, दतिया और बैतूल जिले के एसपी हटाए गए थे। इनमें से उज्जैन जिले में दतिया एसपी प्रदीप शर्मा को भेजा गया, जबकि नीमच, बैतूल और दतिया जिले में पुलिस अधीक्षक पदस्थ नहीं किए गए। अब इन तीनों जिलों में भी पुलिस अधीक्षक भेजे जाने हैं।
ये डीआईजी रेंज खाली
पिछले दिनों हुए आईपीएस अफसरों के तबादलों के बाद प्रदेश में ग्वालियर आईजी रेंज के अलावा पांच डीआईजी रेंज खाली है। काम चलाने के लिए सभी रेंज का अतिरिक्त प्रभार फिलहाल अन्य अफसरों के पास है। खरगौन, रीवा, उज्जैन और भोपाल के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के पद पर पदस्थ रहे अफसर पदोन्नत होकर आईजी हो गए हैं। इन सभी की आईजी के पद पर पदस्थापना कर दी गई है, अब ये पद खाली हो गए हैं। वहीं नर्मदापुरम डीआईजी का कुछ दिन पहले तबादला कर दिया गया था, उनकी जगह पर छिंदवाड़ा डीआईजी सचिन अतुलकर को यहां का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। इस रेंज को भी डीआईजी की दरकार है।