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रावलिपिंडी के कमिश्नर के एक बयान के पाकिस्तान में हड़कंप, ट्विटर किया बैन

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कराची
पाकिस्तान के आम चुनाव को 10 दिन बीत चुके हैं. अब तक यह साफ नहीं है कि आखिर पड़ोसी मुल्क में किस पार्टी की सरकार बनेगी और किसे प्रधानमंत्री बनाया जाएगा. नवाज शरीफ की पार्टी PMLN के साथ-साथ बिलावल भुट्टो की पार्टी PPP भी सत्ता पर काबिज होने की कोशिशों में लगी हुई है. इधर, इमरान समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार विपक्ष में बैठने का दावा कर रहे हैं. इस बीच पाकिस्तान में सेना का कुछ बड़ा एक्शन होने का अंदेशा लगाया जा रहा है.

पाकिस्तान के चुनावों में धांधली के कई मामले अब तक सामने आ चुके हैं. रावलपिंडी चुनाव आयुक्त के खुलासे के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मचा हुआ है. पाकिस्तानी मीडिया डॉन के मुताबिक पड़ोसी देश में रविवार देर रात से ही 24 घंटे के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इंटरनेट धीमा चलने के कारण वहां लोग किसी भी ऑनलाइन सुविधा का ठीक से इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं. दुनियाभर में इंटरनेट मॉनिटर करने वाली संस्था नेटब्लॉक्स (Netblocks) ने भी दावा किया है कि पाकिस्तान में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X को 24 घंटे के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है.

अब तक का सबसे लंबा इंटरनेट बैन

चुनावों में लगे फर्जीवाड़े के आरोप के बाद पाकिस्तान में लगा यह अब तक का सबसे लंबा इंटरनेट बैन है. नेटब्लॉक्स ने एक दिन पहले अपनी रिपोर्ट में कहा था कि पाकिस्तान में प्रदर्शनों के बीच लोगों को X इस्तेमाल करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. पाकिस्तान में डिजिटल अधिकारों के लिए काम करने वाले मंच (बोलो भी) के डायरेक्टर उसामा खिलजी ने भी पाकिस्तान में इंटरनेट बैन होने की पुष्टि की है. उन्होंने कहा है कि चुनिंदा VPN को छोड़ दिया जाए तो कोई भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X का इस्तेमाल नहीं कर पा रहा है.

प्रेस कांफ्रेंस में किया था बड़ा खुलासा

बता दें कि हाल ही में पाकिस्तान के सीनियर अधिकारी ने चुनावों में धांधली का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया था. बाद में उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया गया. रावलपिंडी के आयुक्त लियाकत अली चट्ठा ने आरोप लगाया था कि 8 फरवरी के आम चुनाव के नतीजों में उनकी निगरानी में 'हेरफेर' किया गया था. रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए लियाकत ने कहा था कि मैं इस सारे गलत काम की जिम्मेदारी ले रहा हूं. उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्य चुनाव आयुक्त और सुप्रीम कोर्ट के एक शीर्ष न्यायाधीश भी धांधली में शामिल थे. उन्होंने कहा कि हमने ऐसे निर्दलीय कैंडिडेट्स जो 70 से 80 हजार वोटों से आगे चल रहे थे, उन्हें धांधली कर हरवा दिया गया.

देश की पीठ में छुरा घोंपा: लियाकत

लियाकत अली से जब पूछा गया कि क्या चुनावी प्रक्रिया में 'अनियमितताएं' थीं और क्या स्थानीय रिटर्निंग अधिकारियों ने परिणामों के प्रसारण में देरी की थी. इस पर उन्होंने कहा कि अनियमितताएं तो इसके लिए एक छोटा शब्द है. वो इस वजह से सो नहीं पा रहे हैं कि उन्होंने 'देश की पीठ में छुरा घोंपा है'. उन्होंने कहा कि मैंने जो अन्याय किया है उसके लिए मुझे दंडित किया जाना चाहिए और इस अन्याय में शामिल अन्य लोगों को भी दंड मिलना चाहिए.

 

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