रायपुर.
छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति कृषि उद्यानिकी एवं वनों पर आधारित होगीा। उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए नई नीति बनाई जाएगी। जिससे प्रदेश के किसानों को और आदिवासी अंचल में रहने वाले लोगों को सीधा लाभ मिल सके। प्रदेश के कृषि उत्पादन का मूल्य संवर्धन में वृद्धि हो सके। ये बातें नई दिल्ली में आयोजित इंडियन चैंम्बर ऑफ बिजनेस एंड कॉमर्स के वार्षिक ग्लोबल समिट में छत्तीसगढ़ के वाणिज्य उद्योग और श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन ने कहीं।
उन्होंने कहा कि देश के किसानों को आत्मनिर्भर बनाना है, तो निश्चित रूप से कृषि पर आधारित उद्योगों पर फोकस करना होगा। छत्तीसगढ़ एक कृषि प्रधान प्रदेश है इसलिए इसे धान का कटोरा कहते हैं। छत्तीसगढ़ 44 फीसदी वनों से घिरा है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को विकसित करने के लिए कृषि एवं वन की प्रमुखता से भागीदारी रहेगी। मंत्री ने कहा कि आने वाला समय डेवलपमेंट का समय है और इसे ध्यान में रखकर नीति बनानी होगी। इंडियन चैंम्बर ऑफ बिजनेस एंड कॉमर्स की यह पहल निश्चित रूप से अहम रोल अदा करेगी। कार्यक्रम में नारायण राणे मंत्री सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम भारत सरकार भी शामिल हुए। यह समिट ग्रामीण इकोनामिक फोरम और भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय द्वारा आयोजित किया गया था। इस अवसर पर मंत्री लखन लाल देवांगन के साथ अन्य प्रतिनिधि कोरबा नगर निगम के पार्षद नरेंद्र देवांगन के अलावा प्रफुल्ल तिवारी, नरेंद्र पाटनवार, महाप्रबंधक सीएसआईडीसी ओपी बंजारे मौजूद रहे।