Home राजनीति आज भवानीपुर से नामांकन दाखिल करेंगी प्रियंका, सीएम से है सीधा मुकाबला…

आज भवानीपुर से नामांकन दाखिल करेंगी प्रियंका, सीएम से है सीधा मुकाबला…

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल में हाई प्रोफाइल विधानसभा सीट भवानीपुर में उपचुनाव के लिए आज भाजपा प्रत्याशी प्रियंका टिबरेवाल नामांकन दाखिल करेंगी। प्रियंका टिबरेवाल का मुकाबला राज्य की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी से होगा। ममता बनर्जी दो दिन पहले ही भवानीपुर सीट के लिए नामांकन दाखिल कर चुकी है। ममता बनर्जी ने कोलकाता में ही नामांकन दाखिल किया था। विधानसभा चुनाव में ममता नंदीग्राम सीट से चुनाव लड़ी थीं, लेकिन उन्हें भाजपा के सुवेंदु अधिकारी ने हरा दिया था। बंगाल का सीएम बने रहने के लिए ममता को भवानीपुर से चुनाव जीतना जरूरी है।
रविवार से प्रियंका टिबरेवाल ने अपना प्रचार शुरू कर दिया है। इससे पहले शनिवार को प्रियंका ने कोलकाता के कालीघाट मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना की। कालीघाट मंदिर में पूजा अर्चना के बाद प्रियंका ने चुनाव बाद हुई हिंसा को लेकर ममता बनर्जी पर तंज कसा था। प्रियंका ने कहा कि उन्होंने राज्य में हो रहे अन्याय के खिलाफ लोगों की सुरक्षा के लिए देवी काली से प्रार्थना की। प्रियंका ने कहा कि उनकी लड़ाई सत्ता में मौजूद उस पार्टी के खिलाफ है, जिसने जनता के खिलाफ अन्याय और हिंसा को बढ़ावा दिया है। इसके साथ ही भाजपा प्रत्याशी को मतदान से पहले ही पारदर्शी चुनाव नहीं होने की आशंका जताई। बता दें कालीघाट में ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का घर है और यह इलाका भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र में ही आता है।
प्रियंका टिबरेवाल भाजपा नेता बाबुल सुप्रियो की कानूनी सलाहकार रह चुकी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजनीति से प्रेरित होकर अगस्त 2014 में प्रियंका ने भाजपा का दामन थामा था। 2015 में प्रियंका टिबरेवाल ने भाजपा उम्मीदवार के रूप में वार्ड संख्या 58 (एंटली) से कोलकाता नगर परिषद का चुनाव लड़ा था, लेकिन तृणमूल कांग्रेस के स्वपन समदार से हार गईं थीं। भाजपा में अपने छह साल के कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण कार्यों को संभाला और अगस्त 2020 में उन्हें पश्चिम बंगाल मं़ भारतीय जनता युवा मोर्चा का उपाध्यक्ष बनाया गया।
30 सितंबर को होगा मतदान
भवानीपुर विधानसभा सीट पर 30 सितंबर को मतदान होगा। मतगणना तीन अक्तूबर को होगी। उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग ने नामांकन से पहले और बाद के जुलूस पर प्रतिबंध लगाए हैं। प्रचार के लिए 50 फीसदी लोगों की मौजूदगी की अनुमति दी गई है।